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दो संस्थान देंगे साइबर डिफेंस अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा

मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग और अमृता विश्व विद्यापीठम के बीच हुआ एमओयू
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फरीदाबाद में शुक्रवार को मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (एमसीटीई) और अमृता विश्व विद्यापीठम के बीच एमओयू के दौरान दोनों सस्थानों के अधिकारी। -हप्र
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भारत की डिजिटल रक्षा संरचना को सुदृढ़ करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (एमसीटीई) महू और अमृता विश्व विद्यापीठम के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। अमृता विश्वविद्यालय साइबर सुरक्षा और इससे जुड़े क्षेत्रों में अपनी उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है। दोनों संस्थान मिलकर साइबर डिफेंस अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देंगे।

यह समझौता ज्ञापन त्रि-सेनाओं के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण, उन्नत अनुसंधान और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रणनीतिक सहयोग को स्थापित करता है। इस साझेदारी के तहत अमृता विश्वविद्यालय की शैक्षणिक और अनुसंधान क्षमताओं का समन्वय, (एमसीटीई) की तकनीकी और परिचालन विशेषज्ञता के साथ किया जाएगा, ताकि विकसित समाधान नवोन्मेषी होने के साथ-साथ जमीनी स्तर पर परखे हुए और मिशन तैयार हों।

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भारतीय सेना का प्रमुख संस्थान होने के साथ-साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कंप्यूटिंग, 5जी/6जी साइबर सुरक्षा, सैटेलाइट कम्युनिकेशन, काउंटर.यूएएस आदि में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में नामित (एमसीटीई) रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है। यह समझौता सेना के परिवर्तन का वर्ष दृष्टिकोण और विकसित भारत के राष्ट्रीय संकल्प के अनुरूप है, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इस साझेदारी के अंतर्गत दोनों संस्थान मिलकर सैन्य उपयोग से जुड़े वास्तविक समय की समस्याओं को पहचान कर समाधान विकसित करना, संयुक्त प्रशिक्षण मॉड्यूल, कैप्सूल कोर्स और प्रमाणन कार्यक्रम तैयार करना, फैकल्टी और छात्रों के लिए विनिमय कार्यक्रम शुरू करना, उभरती प्रौद्योगिकियों में मिशन महत्वपूर्ण और भविष्य के लिए तैयार अनुसंधान करना आदि कार्य करेंगे।

मेजर जनरल गौतम महाजन, सेना पदक, उप कमांडेंट और मुख्य प्रशिक्षक, एमसीटीई ने कहा कि यह समझौता केवल एक औपचारिक दस्तावेज नहीं बल्कि यह दो संस्थानों के विचारों और उद्देश्यों का संगम है। यह भारत के रक्षा क्षेत्र को तकनीकी रूप से सशक्त और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

डॉ. पी. अजित कुमार रजिस्ट्रार अमृता विश्व विद्यापीठम ने समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि यह साझेदारी अमृता की राष्ट्र सेवा और नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दोहराया।

प्रोफेसर सेतुमाधवन निदेशक साइबर सुरक्षा, अमृता विश्व विद्यापीठम ने कहा कि एमसीटीई के साथ मिलकर हम अपने शोध को प्रभावशाली रक्षा समाधानों में बदल सकते हैं और भारत को वैश्विक तकनीकी नेतृत्व की दिशा में अग्रसर कर सकते हैं। यह साझेदारी सैन्य और शैक्षणिक संस्थानों के बीच तालमेल का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जो नवाचार को बढ़ावा देती है और भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, परिचालन आवश्यकताओं और तकनीकी आत्मनिर्भरता के लक्ष्यों के अनुरूप है।

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