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चीन के लोगों से मिलकर साइबर ठगी, मानव तस्करी करने पर दो भारतीय गिरफ्तार

हरियाणा व राजस्थान के 10 युवाओं की आरोपियों ने की मानव तस्करी
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चीन के लोगों के साथ मिलकर साइबर ठगी करने की वारदातों को अंजाम देने के आरोप में दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वे विदेशों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर मानव तस्करी करते थे। साथ ही अवैध तरीके से विदेश भेजकर साइबर फ्रॉड कराते थे। चीन मूल के लोगों के साथ मिलीभगत से वे भारत के लोगों को विदेश में ले जाकर साइबर ठगी कराई जाती थी। इस काम के बदले आरोपियों को मोटा कमीशन मिलता था। आरोपी हरियाणा व राजस्थान से 10 युवाओं को विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा देकर मानव तस्करी व साइबर ठगी के मामलों में संलिप्त रहे हैं।

जानकारी के अनुसार 15 नवंबर को एक व्यक्ति ने पुलिस थाना साइबर अपराध दक्षिण गुरुग्राम की पुलिस को लिखित शिकायत दी थी। उसने शिकायत में बताया कि उसकी मुलाकात सोनू नाम के लड़के से गुरुग्राम में हुई थी। सोनू ने उसको बताया कि उसका (सोनू) भाई विदेश (थाईलैंड) में नौकरी दिलाने का काम करता है। उसने सोनू पर विश्वास किया और सोनू को थाईलैंड जाने के लिए टिकट के 50 हजार रुपये दे दिए। सोनू ने उसे 23 मार्च, 2025 को जयपुर से थाईलैंड की टिकट दी। 23 मार्च को सोनू का भाई जितेन्द्र उसे थाईलैंड में मिला, उसने उससे 1000 थाई करेंसी ले ली। उसको गाड़ी में बिठाकर अवैध तरीके से म्यांमार बॉर्डर ले गया, जहां उसको डाटा ऑपरेटर की जॉब दिलाई। यह यूएस के लोगों का डाटा अवैध तरीके से जुटाने का काम करने लगा। जब उसने सोनू को बताया कि यह तो अवैध तरीका है। उसे थाईलैंड के नाम पर म्यांमार क्यों भेज दिया। सोनू ने यह सवाल करने पर उसे जान से मारने की धमकी दी। 22 अक्तूबर को उसे म्यांमार की सेना ने पकड़ लिया और म्यांमार पुलिस के हवाले कर दिया। 6 नवंबर, 2025 को उसे थाईलैंड से दिल्ली डिपोर्ट किया गया। पीडि़त की इस शिकायत पर पुलिस थाना साइबर अपराध दक्षिण में मानव तस्करी व साइबर ठगी की व अन्य धाराओं में केस दर्ज किया।

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सहायक पुलिस आयुक्त साइबर अपराध प्रियांशु दिवान के नेतृत्व में थाना साइबर अपराध टीम ने दोनों आरोपियों को वजीराबाद पुलिस अकादमी दिल्ली से काबू किया। आरोपियों की पहचान विजेंद्र उर्फ सोनू (23) व जितेन्द्र उर्फ मोनू (21) निवासी गांव बड़वा जिला भिवानी के रूप में हुई।

जितेन्द्र उर्फ मोनू जनवरी में गया था म्यांमार

आरोपियों से पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी जितेन्द्र उर्फ मोनू जनवरी, 2025 को म्यांमार गया था। वहां वह चाइना मूल के लोगों से मिला और उनके साथ मिलकर साइबर फ्रॉड के काम करने लगा। उसने अपने भाई विजेंद्र उर्फ सोनू को बताया कि चीनी लोग अवैध तरीके से ठगी के लिए लड़के बुलाते हैं। कमीशन के तौर पर प्रत्येक व्यक्ति के बदले 1000 डॉलर कमीशन देते हैं। एजेंट को 3000 डॉलर देते हैं। आरोपी विजेंद्र उर्फ सोनू ने शिकायकर्ता मंदीप को अपने भाई आरोपी जितेन्द्र के कहने पर थाईलैंड भेजा। वहां से म्यांमार भेजा था, जिसके बदले आरोपी विजेंद्र को 3000 डॉलर व आरोपी जितेन्द्र उर्फ मोनू को 1000 डॉलर का कमीशन मिला।

साइबर ठगों ने चार मामलों में उड़ाये 9 लाख

सोनीपत (हप्र) : सोनीपत में साइबर ठगों द्वारा चार अलग-अलग लोगों को अपने झांसे में लेकर कुल 9.16 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी किए जाने पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं। गांव खानपुर कलां निवासी अजय ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उन्हें एक टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ दिया गया, जहां उन्हें नए टॉस्क के नाम पर अलग-अलग खातों में रुपये जमा कराने को कहा गया। उन्होंने अलग-अलग समय में 4 लाख रुपये कई खातों में भेज दिए। जब उन्होंने रुपये वापस देने की मांग की तो उन्हें टाल दिया गया। ककरोई रोड निवासी सुरेश ने प्राथमिकी दर्ज कराई कि उनके मोबाइल पर एक नंबर से एपीके फाइल भेजी गई। उसे डाउनलोड करते ही मोबाइल हैक हो गया। उनके क्रेडिट कार्ड से लगातार चार ट्रांजेक्शन हुई और 1,78,395 रुपये चले गए। बीसवां मील निवासी सब्जी विक्रेता नंदलाल का क्यूआर कोड खराब था। उनके पास कॉल आई और दूसरी तरफ से बोल रहे युवक ने कहा कि वह क्यूआर कोड सही कर देगा। युवक ने मोबाइल पर कुछ जानकारी ली और उसके बाद उनके बैंक खाते से 2.38 लाख रुपये अलग-अलग खातों में भेज दिए। गन्नौर निवासी सनवर ने प्राथमिकी दर्ज कराई कि उनके पास एक लिंक भेजा गया था। उसके बाद उनका मोबाइल हैक कर लिया गया। साइबर ठगों ने उनके खाते से एक लाख रुपये निकाल लिए।

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