नाइजीरिया के 3 निवासियों को 10 से 12 साल जेल की सजा
मादक पदार्थ तस्करी के मामले में जिले की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रेनू राना की अदालत ने 6 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई है। इनमें तीन नाइजीरिया निवासियों को 10 से 12 साल कारावास की सजा दी गई है। एक नाइजीरिया निवासी आरोपी को निर्दोष करार दिया गया। 2020 में कोरोना लॉकडाउन के दौरान हेरोइन तस्करी में दो लोगों को गिरफ्तार किया था। जिसकी जांच में विदेशी नागरिकों की संलिप्तता सामने आई। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, 30 मार्च 2020 को कोरोना लॉकडाउन के दौरान सदर तावड़ू की टीम केएमपी टोल धुलावट के पास मौजूद थी। उसी दौरान सूचना मिली कि रफीक और मुबारिक निवासी गांव शिकारपुर, हेरोइन की खरीद-बिक्री में लिप्त हैं और वे पलवल से हेरोइन खरीदकर मोटरसाइकिल पर केएमपी के साथ कच्चे रास्ते से शिकारपुर जा रहे हैं। पुलिस ने उन्हें काबू किया और तलाशी के दौरान रफीक से 10.80 ग्राम हेरोइन मिली जबकि मुबारिक से भी 10.850 ग्राम हेरोइन मिली। रफीक और मुबारिक ने हेरोइन पलवल से खरीदी थी, जहां सोनू उर्फ लोकेश निवासी खुसक बडोली (पलवल) ने सप्लाई की थी। जांच में नाइजीरिया निवासियों की भूमिका उजागर हुई। इनमें चुकवुडी हेनरी, चिदेबेरे पॉल,इम्मुएल उर्फ चिदेरा इनोसेंट व ओम्नयी पीटर सोलोमन को गिरफ्तार किया गया। ओम्नयी पीटर सोलोमन को निर्दोष पाया गया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रेनू राना की अदालत में मामले की सुनवाई हुई। 5 साल तक मामले की सुनवाई चली। दो दिसंबर को अदालत ने 6 आरोपियों को दोषी ठहराया। जिन्हें मंगलवार को सजा सुनाई गई। दोषी मुबारिक व रफीक निवासी शिकारपुर, सोनू उर्फ लोकेश निवासी पलवल को एक एक वर्ष का सश्रम कारावास और पांच पांच हजार रुपये का जुर्माना किया। जबकि नाइजीरिया निवासी चिदेबेरे पॉल को 10 वर्ष का सश्रम कारावास और दस हजार रुपये जुर्माना। चुकवुडी हेनरी व इम्मुएल उर्फ चिदेरा इनोसेंट को 12- 12 वर्ष का सश्रम कारावास और दस दस हजार रुपये रुपये जुर्माना लगाया गया। जुर्माना न देने पर 6 माह अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
