लोकतंत्र को कुचलने वालों ने ही पहना संविधान बचाने का मुखौटा : कृष्ण लाल पंवार
आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर आयोजित ‘संविधान हत्या दिवस’
बहादुरगढ़, 25 जून (निस)
आपातकाल की 50वीं बरसी पर बुधवार को 'संविधान हत्या दिवस' के अंतर्गत हरि गार्डन में जिला स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में हरियाणा सरकार के विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए। उन्होंने आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला बताते हुए कहा कि यह वह समय था जब संविधान को ताक पर रखकर सत्ता के लिए लोकतंत्र को रौंद दिया गया था। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने सहभागिता करते हुए संवैधानिक मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई। बहादुरगढ़ पहुंचने पर प्रशासन की ओर से एसडीएम नसीब कुमार ने कैबिनेट मंत्री का स्वागत किया। कार्यक्रम में जिला प्रभारी कैप्टन भूपेंद्र सिंह, जिला अध्यक्ष विकास बाल्मिकी, जिप चेयरमैन कप्तान सिंह बिरधाना, दिनेश कौशिक, संजय कबलाना, नप चेयरमैन सरोज राठी, वीर कुमार यादव सहित पार्टी पदाधिकारी मौजूद रहे।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि 1975 में लगाए गए आपातकाल के दौरान न केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, बल्कि भारत के नागरिकों के मौलिक अधिकारों को भी कुचला गया था। उस समय लाखों लोगों को सिर्फ इसलिए जेलों में बंद कर दिया गया, क्योंकि उन्होंने अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग आज संविधान बचाने की बात करते हैं, जबकि इतिहास गवाह है कि 1975 में संविधान की हत्या उन्होंने ही की थी।
पीएम मोदी के नेतृत्व में लोकतांत्रिक मूल्यों की पुनर्स्थापना
कैबिनेट मंत्री पंवार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकतंत्र को उसकी आत्मा के साथ जोड़ते हुए केवल सत्ता के बदलाव तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे एक जीवनशैली और राष्ट्रनीति का मूल बनाया है। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री ने उन लोकतंत्र सेनानियों को नमन किया जिन्हें आपातकाल के समय जेलों में अमानवीय यातनाएं दी गई और अभिव्यक्ति का गला घोंटा गया।
कार्यक्रम के दौरान लोकतंत्र के सेनानियों और परिजनों को भी सम्मानित किया गया। कैबिनेट मंत्री कृष्णलाल पंवार ने इन लोकतंत्र सेनानियों को मंच पर स्मृति चिन्ह और शॉल भेंट कर सम्मानित किया।