इस बार नवरात्र 10 दिन के, धंधे को लेकर व्यापारियों में जगी उम्मीद
रविवार 21 सितंबर को श्राद्ध पक्ष की अमावस्या के साथ ही 22 सितंबर से शारदीय नवरात्र की शुरूआत होने जा रही है। इस बार नवरात्र 10 दिन के होंगे, जिनकी शुरूआत सोमवार को कलश स्थापना के साथ की जाएगी। नवरात्र में मांगलिक कार्य हो सकेंगे। श्राद्ध पक्ष में मंदी की मार झेल चुके व्यापारियों को नवरात्र में अच्छा कारोबार होने की आशा नजर आने लगी है, जिससे दुकानों और प्रतिष्ठानों को सजाया जा रहा है। मंदिरों में भी सजावट का कार्य अंतिम चरण में चह रहा है।
ज्योतिषाचार्य पं. पुष्कर दत्त शर्मा के अनुसार मां दुर्गा के 9 स्वरुपों की श्रद्धालुओं द्वारा श्रद्धाभाव और विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है।
इस बार 9 की बजाय 10 दिनों के नवरात्र होंगे। मनचाहा वरदान पाने के लिए साधक 9 दिनों तक व्रत रखते हैं।
कई साधक मनोवांछित फल प्राप्त करने के बाद 9 दिनों तक देवी मां दुर्गा की कठिन साधना करते हैं।
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि
22 सितंबर को मां शैलपुत्री,
23 सितंबर को मां ब्रह्मचारिणी,
24 सितंबर को मां चंद्रघंटा,
25 सितंबर को मां चंद्रघंटा,
26 सितंबर को मां कूष्माण्डा,
27 सितंबर को मां स्कंदमाता,
28 सितंबर को मां कात्यायनी,
29 सितंबर को मां कालरात्रि,
30 को मां महागौरी व सिद्धिदात्री तथा एक अक्तूबर को मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना होगी।
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
पं. पुष्कर दत्त शर्मा का कहना है कि घटस्थापना का शुभ समय 22 सितंबर को प्रात: 6 बजकर 9 मिनट से 8 बजकर 6 मिनट तक रहेगा। वहीं अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 49 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक रहेगा। इस दौरान भी साधक घटस्थापना कर सकते हैं।
क्या करें नवरात्र में
विद्वान ज्योतिषाचार्य का कहना है कि नवरात्र के पहले दिन शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना करें। 9 स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा करें। पूजा स्थल को पूरी तरह से साफ रखें। अखंड ज्योति जलाने का संकल्प लिया है, तो इसे नौ दिनों तक बुझने न दें। सात्विक भोजन ही ग्रहण करें, मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करें और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करें।