शहर की यातायात व्यवस्था इन दिनों बुरी तरह से चरमराई हुई है और इसका एक बड़ा कारण है, निजी अस्पतालों में पार्किंग की समुचित व्यवस्था का अभाव। शहर में तेजी से बढ़ते निजी अस्पतालों ने स्वास्थ्य सेवाएं भले ही बढ़ा दी हों, लेकिन उनकी पार्किंग अव्यवस्था ने जनता को एक और बड़ी समस्या में झोंक दिया है, सड़कों पर खड़े वाहन से यातायात जाम आम बात हो गई है और इससे लोग हलकान है। शहर में ऐसे कई बड़े और छोटे निजी अस्पताल हैं जिनके पास पर्याप्त पार्किंग स्पेस नहीं है। मरीजों को अस्पताल तक पहुंचने के लिए अपने निजी वाहन का इस्तेमाल करना पड़ता है, लेकिन जब उन्हें वाहन खड़ा करने के लिए स्थान नहीं मिलता, तो मजबूरी में वे सडक़ किनारे या सर्विस रोड पर ही वाहन खड़ा कर देते हैं। इसका असर सीधे तौर पर यातायात पर पड़ रहा है। सर्विस रोड जो सामान्य रूप से आवागमन और आपातकालीन वाहनों के लिए उपयोग में लाई जाती है, अब अस्पतालों के बाहर अस्थाई पार्किंग स्थल बन चुकी है। अस्पताल के आसपास के इलाकों में आने-जाने वाले लोग जाम की स्थिति से रोजाना दो-चार हो रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस इस समस्या से पूरी तरह से अवगत हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग दोनों ही इस विषय पर एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालते नजर आते हैं। यह स्थिति तब और भी गंभीर हो जाती है जब एंबुलेंस या फायर ब्रिगेड जैसे आपातकालीन वाहन समय पर अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाते। कुछ मामलों में यह देरी जीवन-मृत्यु का कारण भी बन सकती है। फरीदाबाद के एनआईटी, सेक्टर-आठ, बल्लभगढ़, सेक्टर-16, सेक्टर-21 और बदरपुर बॉर्डर के आसपास स्थित कई निजी अस्पताल ऐसे हैं, जिनके पास रोजाना सैकड़ों मरीज आते हैं, लेकिन पार्किंग सुविधा न के बराबर है। कुछ अस्पतालों ने पार्किंग दिखाने के लिए बाहर एक छोटा सा स्थान चिन्हित किया हुआ है, जो व्यवहार में किसी काम नहीं आता।
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फरीदाबाद में निजी अस्पतालों के बाहर अव्यवस्थित रूप से खड़ी कारें और ऑटो से यहां ट्रैफिक व्यवस्था की अक्सर दिक्कत होती है। -हप्र
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