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अनंगपुर में तोड़फोड़ रुकने की जगी उम्मीद

केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर की पहल के सकारात्मक परिणाम आये सामने
कृष्णपाल गुर्जर
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बहुचर्चित अनंगपुर तोड़फोड़ मामले में मुख्यमंत्री नायब सैनी को ग्राम वासियों के पक्ष में लाकर केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर एक बाद फिर जनता से किए वायदे पर खरे उतरते नजर आ रहे हैं।  और अनंगपुर की जनता में उनके प्रति विश्वास जगा है। कृष्णपाल गुर्जर की पहल के बाद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बयान जारी कर अनंगपुर के लोगों के दर्द को समझते हुए खुलकर कहा कि यहां के गरीबों के आसियानों का उजड़ने नहीं दिया जाएगा और सरकार सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखेगी। मुख्यमंत्री के कथन के बाद अब यह कहा जा सकता है कि वन क्षेत्र के दायरे में आने के कारण फरीदाबाद के गांव अनंगपुर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लटकी तोड़फोड़ की तलवार अब लगभग हट गई है। अब हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अनंगपुर में लटकी तोड़फोड़ की कार्रवाई को लेकर भी कृष्णपाल गुर्जर ने लोगों को आश्वास्त किया था कि गांव बस्ती नहीं उजाड़ने दी जाएगी। वह सरकार से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जनहित की बात पहुंचाएंगे, लेकिन उसके बावजूद कृष्णपाल गुर्जर की बात पर विश्वास न करके खासतौर पर विपक्षी नेताओं ने अनंगपुर को फिर से मुद्दा बनाया और गुर्जर को झूठा करार देने की कोशिश की और यह मुद्दा भी इतना बड़ा हो गया कि उनके राजनीतिक विरोधियों ने गांव अनंगपुर में 13 जुलाई को एक राष्ट्रव्यापी महापंचायत का आयोजन कर भाजपा सरकार और केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर पर जमकर तंज कसा। गुर्जर मंझे हुए राजनेता के रूप में जनता से किए अपने वायदे पर अड़े रहे और सब बातों को नजरअंदाज कर वह करके दिखाया जिसकी उम्मीद लोग महापंचायत के बाद छोड़ चुके थे।

ऐसे ही फरीदाबाद में कृष्णपाल गुर्जर के बारे में भी अब यहां की जनता के बीच यह अटूट विश्वास पैदा हुआ है कि वह जो कहते हैं, उसे करके दिखाते हैं। एक तरह से कृष्णपाल गुर्जर की छवि भी अब एक ऐसे राजनेता की बन गई है, कि जिन पर आंखें बंदकर विश्वास किया जा सकता है। इसलिए जनता में उनका मजबूत राजनीतिक आधार बनता जा रहा है और यहां यह कहावत भी पूरी तरह से चरित्रार्थ होती है कि छाछ न दही-जो कृष्णपाल बोले वही सही। फरीदाबाद में अनंगपुर गांव में हुई तोडफ़ोड़ का पहला ऐसा मुद्दा नहीं हैं जिसको लेकर विपक्ष व किसान संगठनों ने महापंचायत कर कृष्णपाल गुर्जर के आश्वासन व वायदे को झूठा करार करने का प्रयास किया है लेकिन गुर्जर ने अपना बड़ा दिल दिखाकर जनता के बीच किए अपने वादे को पूरा करवाकर दिखाया है।

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