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फैक्टरी ब्लॉस्ट में झुलसे श्रमिक ने तोड़ा दम, साथियों व परिजनों ने किया हंगामा

प्रबंधकों ने गुपचुप तरीके से अस्पताल में भर्ती करवाये थे 4 घायल मजदूर
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बहालगढ़-लिवासपुर मोड़ के पास स्थित स्टील फैक्टरी में भट्ठी में ब्लॉस्ट होने से 4 श्रमिक झुलस गए। फैक्टरी प्रबंधन ने गुपचुप तरीके से उनको अस्पताल में भर्ती कराया दिया। इस बारे में न स्थानीय पुलिस को सूचना दी गई और न ही परिजनों को भनक लगने दी। घायलों में से एक श्रमिक ने हादसे के एक सप्ताह बाद दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में दम तोड़ दिया, जिसके बाद परिजन और साथी फैक्टरी पहुंच गए, वहां पर हादसे की जानकारी मांगी। कोई जवाब न मिलने पर फैक्टरी के बाहर जमकर हंगामा किया। वहीं, दिनभर फैक्टरी के बाहर वे शव का इंतजार करते रहे, लेकिन हंगामे की आशंका के चलते पुलिस ने मृतक के उत्तर प्रदेश के हरदोई के उनके पैतृक गांव के लिए शव रवाना कर दिया, जिस पर साथी भड़क गए और खूब बवाल काटा।

उत्तर प्रदेश के जिला हरदोई के गांव शेखपुरा का अमरेश (32) लिवासपुर मोड़ स्थित स्टील फैक्टरी में काम करता था। वह 27 जुलाई को स्टील पिघलाने की भट्ठी पर काम कर रहा था। इसी दौरान भट्ठी में ब्लॉस्ट हो गया। हादसे में अमरेश, संदीप, संतोष और राजू झुलस गए। आनन-फानन में चारों को पहले निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां से रेफर करने पर फैक्टरी प्रबंधन ने बिना पुलिस और परिजनों को सूचना दिए चारों को लोकनायक अस्पताल में भर्ती कराया दिया। बाद मेें परिजनों को पता चला तो वो अस्पताल में भर्ती मिले।

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उधर, रविवार देर शाम अमरेश ने दम तोड़ दिया। पता चलने पर परिजन और साथी फैक्टरी के पास एकत्रित हो गए। अमरेश के भाई रामजीवन ने बताया कि लापरवाही के कारण उसके भाई की जान गई है। फैक्टरी मालिक मामले को दबाने का प्रयास कर रहे है।

फैक्टरी के बाहर लोगों के एकत्रित होने की सूचना के बाद बहालगढ़ थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची। पुलिस ने उनको वहां से हटाने की कोशिश की, लेकिन वे वहीं पर डटे रहे और शव की मांग करते रहे। हंगामे और अनहोनी की आशंका के चलते पुलिस ने शव को फैक्टरी के बाहर आने से रोक दिया। कुंडली के पास ही एंबुलेंस को रुकवाकर शव को एक अन्य परिजन के साथ उत्तर प्रदेश भेज दिया, जबकि रामजीवन अन्य परिजन और साथियों के साथ शव का इंतजार करते रहे। उनका कहना था कि वह शव का अंतिम संस्कार यही करने वाले थे, लेकिन पुलिस ने बल प्रयोग कर उनको यहां से खदेड़ दिया। मामले को लेकर पुलिस का कहना है कि जांच की जा रही है। जांच के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।

‘एससी-एसटी आयोग का दरवाजा खटखटाएंगे’

मृतक के भाई अमरेश का कहना है कि वो अनुसुचित जाति है। पुलिस ने उनकी सुनवाई नहीं की। फैक्टरी मालिक पर कार्रवाई के बजाय उनको ही तंग किया गया। शव को भी जबरदस्ती उत्तर प्रदेश ले जाने पर मजबूर किया गया। इसके खिलाफ वह एससी-एसटी आयोग का दरवाजा खटखटाएंगे। उनकी मांग है कि फैक्टरी मालिक के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

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