बीस किलोमीटर पैदल चलकर ग्रामीणों ने दिया दस दिन का अल्टीमेटम
सज्जन सैनी/निस
नारनौंद , 20 मई
कोथ कलां में दादा काला पीर मठ विवाद प्रकरण लगातार गर्माता जा रहा है। मंगलवार को हजारों ग्रामीण गांव कोथ कलां से पैदल चलकर खेड़ी चोपटा तहसील में पहुंचे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की सरकार को 30 मई तक का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि महंत को इस डेरे से बाहर निकाला जाए नहीं तो ग्रामीण कड़ा फैसला लेने पर मजबूर होंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार में प्रशासन की होगी। कड़ी बहस के बाद उन्होंने तहसीलदार से लिखवा कर लिया कि डेरे की जमीन में महंत शुक्राई नाथ को दोहलीदार न बनाया जाए। उसके बाद ग्रामीणों ने वापस घर जाने का ऐलान किया।
पिछले काफी दिनों से गांव कोथ कलां के दादा काला पीर मठ के महंत शुक्राई नाथ को गद्दी से हटाने के लिए ग्रामीण गांधीगिरी तरीके से आंदोलन कर रहे हैं। प्रशासन से भी लिखित में शिकायत दे चुके हैं लेकिन प्रशासन की तरफ से ढीली कार्रवाई और कथित मिलीभगत के चलते ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति नाराजगी है। 14 मई को शुक्राई नाथ ने नारनौंद के एसडीएम को लिखित में शिकायत दी थी कि डेरे की सारी जमीन में उनको दोहलीदार बनाया जाए। इसके बाद ग्रामीणों में और भी ज्यादा नाराजगी बढ़ गई। पूरे गांव ने इकट्ठा होकर 20 मई को खेड़ी चोपटा तहसील का घेराव करने का ऐलान किया था। उसी के चलते मंगलवार की सुबह से ही हजारों लोग किसान नेता सुरेश कोथ, बाहरा खाप के प्रधान रतन मिलकपुर, पूर्व सरपंच अनिल कोथ की अगुवाई में खेड़ी तहसील का घेराव करने के लिए पैदल रवाना हुए। तहसील में पहुंचकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। मौके पर नायब तहसीलदार और डीएसपी रविंदर सांगवान बातचीत के लिए पहुंचे। काफी देर तक बहस होती रही। ग्रामीण इस पर अड़ गए कि तहसीलदार लिखित में दें कि डेरे की जमीन को किसी के नाम या दोहलीदार दर्ज नहीं किया जाएगा। आखिरकार तहसीलदार ने लिखित में ग्रामीणों को दे दिया कि डेरे की जमीन को किसी के नाम या दोहलीदार दर्ज नहीं किया जाएगा। उसके बाद ग्रामीण घरों को लौटे। इस अवसर पर रामनिवास खेड़ी, सुरेश नाड़ा, शमशेर नाडा, श्रीपाल खेड़ी, सुंदर, रामपाल, अजय कोथ आदि भी मौजूद थे।
30 तक गद्दी खाली करवाए प्रशासन : सुरेश कोथ
किसान नेता सुरेश कोथ ने कहा कि 30 मई तक प्रशासन डेरे की गद्दी को खाली करवा दे। अन्यथा कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा, जिसके लिए सरकार और प्रशासन जिम्मेदार होगा। आज का प्रदर्शन सरकार की आंखें खोलने के लिए किया था और डेरे की जमीन पर कोई कब्जा न कर ले।
किसी के नाम नहीं होनी दी जाएगी डेरे की जमीन : रतन मिलकपुर
बाहरा खाप के प्रधान रतन मिलकपुर ने कहा कि डेरे की गद्दी पर शुक्राई नाथ को नहीं रहने दिया जाएगा। प्रशासन के साथ मिलकर डेरे की जमीन को नाम करवाने का खेल जो खेला जा रहा था उसका पर्दाफाश हो चुका है। किसी भी हालत में डेरे की जमीन किसी के नाम नहीं होनी दी जाएगी। खाप ने जितने भी आंदोलन किए हैं जीत हासिल की है और इसमें भी खाप की जीत होगी।