विवि प्रशासन ने छात्र नेताओं पर फोड़ा ठीकरा, महिला आयोग भी सख्त
मदवि में महिला सफाई कर्मियों से अभद्रता का मामला
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) में महिला सफाई कर्मचारियों से कपड़े उतरवाने और माहवारी की पुष्टि करने जैसे गंभीर आरोपों के मामले में राज्य महिला आयोग ने सख्त रुख अपनाया है। आयोग अध्यक्ष रेनू भाटिया ने इसे “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और असंवेदनशील” बताते हुए कहा कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि आयोग ने स्वतः संज्ञान लेकर रिपोर्ट मांगी थी, एफआईआर दर्ज हो चुकी है और तीन कर्मचारियों को निलंबित किया गया है। रेनू भाटिया जल्द ही रोहतक पहुंचकर पीड़ितों और अधिकारियों से मुलाकात करेंगी।
उधर, मदवि प्रशासन ने आयोग को भेजी रिपोर्ट में पूरी ठीकरा तीन छात्र नेताओं—प्रदीप मोटा, विक्रम डुमोलिया और दिनेश कांगड़ा—पर फोड़ दिया है। रिपोर्ट में दावा किया गया कि इन छात्रों ने निजी स्वार्थ में महिला सफाई कर्मियों को भड़काया और राजनीतिक रंग देकर मामले को तूल दिया।
शुक्रवार को छात्र नेताओं ने नाराजगी जताते हुए मामले में आयोग में जाकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। महिला आयोग को भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक सूचना मिलने के तुरंत बाद जैसे ही प्रोफेसर इंचार्ज मातूराम यज्ञशाला पहुंचे और सफाई कर्मचारियों और तथाकथित छात्रों से संवाद किया। वहीं विवि प्रशासन ने भी प्राथमिक रिपोर्ट तैयार कर महिला आयोग चेयरपर्सन के पास भेज दी है।
कोट...
महिला आयोग को स्टेट आफिसर ने गलत रिपोर्ट भेज तथ्यों को छुपाने का प्रयास किया। विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।
- विक्रम सिंह डुमोलिया, छात्र नेता।
कोट...
मदवि में जांच कमेटी में अयोग्य अधिकारियों को शामिल कर पक्षपात किया गया है। वास्तविक दोषियों को बचाने की कोशिश की जा रही है। जांच करने वाले अधिकारी पर पहले ही छेड़छाड़ के आरोप लग चुके हैं, वे माहौल को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं।
- प्रदीप मोटा, छात्र नेता।

