गुरुग्राम, 7 जुलाई (हप्र)
गुरुग्राम के बिजली नेटवर्क को भविष्य की जरूरतों के अनुरूप ढालने और शहर की तेजी से बढ़ती आबादी व औद्योगिक विकास को देखते हुए दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) और हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम (एचवीपीएन) ने बड़ी योजना का खाका तैयार किया है। इस दिशा में सोमवार को गुरुग्राम में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें 2034-35 तक एकीकृत बिजली आपूर्ति प्रणाली विकसित करने पर रणनीतिक चर्चा हुई।
बैठक की अध्यक्षता निदेशक (ऑपरेशन) विपिन गुप्ता और निदेशक (प्रोजेक्ट) विनीता सिंह ने की। दोनों अधिकारियों ने गुरुग्राम की मौजूदा बिजली जरूरतों और आगामी विस्तार परियोजनाओं की समीक्षा की। बैठक में यह तय किया गया कि फिलहाल शहर की 6000 मेगावाट आपूर्ति क्षमता को बढ़ाकर 9000 मेगावाट किया जाएगा, जिससे उद्योग, रिहायशी क्षेत्रों और व्यवसायिक संस्थानों को भविष्य में भी निर्बाध बिजली मिलती रहे।
बैठक में गुरुग्राम के सेक्टर-1 से 57 तक पुराने सब-स्टेशनों की क्षमता को बढ़ाने पर भी विचार हुआ। साथ ही नए विकसित सेक्टरों में आधुनिक सब-स्टेशनों के निर्माण को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए। अधिकारियों को पहले से चिन्हित भूमि पर कार्य शीघ्र पूरा करने और अन्य क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज करने के आदेश मिले। इस बैठक में डीएचबीवीएन के मुख्य अभियंता (ऑपरेशन) वी.के. अग्रवाल, मुख्य अभियंता (प्लानिंग, डिजाइन व कंस्ट्रक्शन) कृष्ण स्वरूप, अधीक्षण अभियंता सीएस जाखड़, श्यामबीर सैनी, मनोज यादव, एचवीपीएन के अधीक्षण अभियंता बीके राघव, संदीप यादव और अन्य कार्यकारी अभियंता मौजूद रहे। सभी अधिकारियों ने गुरुग्राम की बिजली मांग और विस्तार योजनाओं पर आंकड़ों और प्रस्तुति के माध्यम से अपनी बात रखी।
ये सेक्टर होंगे भविष्य के ऊर्जा केंद्र
अब तक सेक्टर 65, 69, 72, 85, 95 और 107 में 220/33 केवी सब-स्टेशन चालू हो चुके हैं। सेक्टर 99 में निर्माण कार्य प्रगति पर है, जबकि सेक्टर 61, 62, 67, 75ए, 78, 102 और 110 में नए सब-स्टेशनों का प्रस्ताव दिया गया है। इन प्रस्तावों पर ज़मीन उपलब्ध कराने की प्रक्रिया चल रही है।