समाज में शहीदों का स्थान सर्वोच्च, शहीद और साधु संत होते हैं समकक्ष : महंत बालकनाथ
अस्थल बोहर मठ के मठाधीश एवं तिजारा के विधायक मंहत बालकनाथ ने कहा कि समाज में देश के लिए खुद को न्यौछावर करने वाले शहीदों का स्थान सर्वोच्च है, साधु संत और शहीद समकक्ष ही हैं। वे आज यादव कल्याण सभा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर कोरियावास मेडिकल कॉलेज का नामकरण राव तुलाराम के नाम पर करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व मंत्री एवं नारनौल के विधायक ओमप्रकाश यादव ने की।समारोह का शुभारंभ महंत बालकनाथ ने श्रीकृष्ण के चित्र के सामने दीप प्रज्जलित कर किया।
उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए महंत बालकनाथ ने कहा कि जन्माष्टमी हमें सिखाती है कि अच्छाई हमेशा बुराई पर विजय पाती है। हमें अपने जीवन में सत्य, धर्म और सकारात्मक कर्म का पालन करना चाहिए, जन्माष्टमी केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि धर्म, साहस और भक्ति का प्रतीक है। इस पावन दिन पर हमें श्रीकृष्ण के आदर्शों को अपनाकर जीवन को श्रेष्ठ बनाने का संकल्प लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि समाज व देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करना एक महान कर्म है। हमें ऐसे शहीदों की यादगार बनाकर उनके योगदान को याद करना चाहिए ताकि आने वाली पीढियां उनसे प्रेरणा ले सकें। उन्होंने कहा कि राव तुलाराम की कर्मस्थली नारनौल में स्थापित किये जा रहे मेडिकल कॉलेज कोरियावास का नाम अमर शहीद राव तुलाराम के नाम पर रखा जाना चाहिये।
समारोह को संबोधित करते हुए विधायक एवं यादव कल्याण सभा के अध्यक्ष ओमप्रकाश यादव ने कहा कि जन्माष्टमी केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि धर्म, साहस और भक्ति का प्रतीक है। इस पावन दिन पर हमें श्रीकृष्ण के आदर्शों को अपनाकर जीवन को श्रेष्ठ बनाने का संकल्प लेना चाहिए। हमें श्रीकृष्ण के जीवन से निःस्वार्थ सेवा और सच्चाई की प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शहीदों के सम्मान के लिए सभी लोगों को एकजुट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरियावास मेडिकल कॉलेज का नाम शहीद राव तुलाराम के नाम पर किया जाना शहीदों का सम्मान होगा। विधायक ओमप्रकाश यादव ने कहा कि समाज के जो लोग इस नामकरण का विरोध कर रहे हैं उनका सामाजिक बहिष्कार किया जाना चाहिए।
समारोह में प्रस्ताव रखा गया कि कोरियावास मेडिकल कॉलेज का नामकरण राव तुलाराम के नाम पर किया जाए, जिसे सर्वसम्मति से उपस्थित लोगों द्वारा पारित किया गया।
इस अवसर पर जसवंत प्रभाकर, स्वामी हँसमुनि, तेजप्रकाश यादव, वासुदेव यादव, अनिल इंजीनियर, ओमप्रकाश एडवोकेट, संजय पटिकरा, वैद्य किशन वशिष्ठ, राव होशियार सिंह, राजेंद्र यादव बिल्लू, बंटी ठेकेदार व सत्यवान मौजूद थे।