सत्संग नाम सत्य के संग का है : कंवर महाराज
सतगुरु कंवर साहेब महाराज ने साध संगत को फरमाया कि संत इस दुख सागर संसार से जीवों को निकालने के लिए आते हैं। जब सतपुरुष से रूहों ने अर्ज की कि हमे इस दुख सागर से निकालो तब उन्होंने संतो...
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सतगुरु कंवर साहेब महाराज ने साध संगत को फरमाया कि संत इस दुख सागर संसार से जीवों को निकालने के लिए आते हैं। जब सतपुरुष से रूहों ने अर्ज की कि हमे इस दुख सागर से निकालो तब उन्होंने संतो को इस जगत में भेजा। वह गुरु नानक जयंती पर भिवानी के रोहतक रोड स्थित राधास्वामी आश्रम में बड़ी संख्या में संगत को सत्संग फरमाया। उन्होंने कहा कि ये रूह जब से मालिक से बिछुड़ कर क्रमकांड में आई है वो अपना स्वरूप भूल गई है और वो कर्मों के दंड में फंस गई है। रूह के साथ लालसा तृष्णा इच्छा लगा दी गई। इनके फेर में फंस कर रूह इस मिथ्या जगत को भी सच्चा मान लेती है। रूह की आंख तब खिलती है, जब वह संतो के सत्संग में आती है। सत्संग नाम सत्य के संग का है। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर आप भी यह संकल्प लेकर जाओ कि आप भी कुल मालिक अवतार नानक साहब की तरह सच्चा सौदा करोगे। सत्संग से पूर्व गुरु महाराज ने रक्तदान शिविर का शुभारंभ किया। रक्तदान शिविर में 100 यूनिट रक्त का दान किया गया।
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