नगर निगम ने कांग्रेस नेता की बिल्डिंग तोड़ी, विवादित मामला गरमाया
जानकारी अनुसार, सेक्टर-68 में बनी इस बिल्डिंग को लेकर नगर निगम ने पहले ही शो-कॉज नोटिस और डिमोलिशन ऑर्डर जारी किया था, लेकिन बिल्डिंग मालिक की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। 29 सितंबर को नगर निगम ने फिर से बिल्डिंग खाली करने का नोटिस दिया, लेकिन इसके बावजूद निर्माण कार्य जारी रहा। बुधवार को जेसीबी मशीन के जरिए यह भवन पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया।
कार्रवाई के दौरान राजेश यादव ने डीटीपी आरएस बाठ पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह कार्रवाई कैबिनेट मंत्री के इशारे पर हो रही है। उनका कहना था कि भाजपा समर्थित बिल्डरों की अवैध कॉलोनियों पर बुलडोजर नहीं चलता, लेकिन विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जाता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नगर निगम कर्मचारियों ने उन्हें पर्याप्त समय या मौके पर बचाव का अवसर नहीं दिया।
इसके जवाब में डीटीपी बाठ ने साफ किया कि बिल्डिंग अवैध थी और कानून के अनुसार कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि कोई भी अधिकारी सुपारीबाज नहीं है और कानून के खिलाफ निर्माण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीटीपी ने यह भी कहा कि जो भी कानून का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ कोर्ट में कार्रवाई की जाएगी।
नगर निगम के प्रवक्ता ने बताया कि यह कार्रवाई तपस्या ग्रांड वॉक मॉल के सामने स्थित लगभग 1000 वर्ग गज क्षेत्र वाले कमर्शियल भवन के खिलाफ की गई। इस भवन में विनायक फर्नीचर शोरूम संचालित हो रहा था। प्रवक्ता ने यह भी कहा कि नगर निगम भविष्य में भी ऐसे अवैध निर्माण पर सख्त कार्रवाई करेगा ताकि शहर में नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा सके।