साइबर ठगों को खाता दिलाने वाला बिचौलिया काबू
कंपनी में निवेश के नाम पर लाखों रुपये की साइबर ठगी करने के मामले में साइबर थाना रेवाड़ी पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। उसकी पहचान उत्तराखंड के नैनीताल निवासी नीरज सिंह के रूप में हुई है। पुलिस इस मामले में एक आरोपी को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
जांचकर्ता ने बताया की 3 जुलाई को सेक्टर-3 निवासी विजय कुमार गुप्ता ने अपनी शिकायत में बताया था कि वह एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता है। सोशल मीडिया पर पैसा इन्वेस्टमेंट करने का विज्ञापन देखने के बाद 15 मई को उसे एक व्हाट्सएप नंबर मिला था। जिसके बाद उसका व्हाट्स पर एक महिला से संवाद होना शुरू हो गया। महिला ने अपना नाम सरोज गुप्ता बताते हुए खुद को कंपनी की इन्वेस्टमेंट एडवाइजर बताया था। महिला ने उसके पास एक लिंक भेजा था। उसे बल्क ट्रेडिंग और लॉगिन करने के बारे में बताया गया था। पहली बार पैसा इन्वेस्ट करने पर उसके खाते में अच्छा प्रॉफिट भी दर्शाया गया। इसके बाद उसने अपनी पत्नी सुनीता गुप्ता के बैंक खाते से 18 ट्रांजेक्शन के जरिए विभिन्न खाता नंबरों पर कुल 93 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। बाद में जब उसने पैसा रिफंड कराने का प्रयास किया, तो उससे और पैसा जमा कराने के लिए कहा गया। इसके बाद उसे ठगी का पता चला।
जिस पर पुलिस ने साइबर थाना रेवाड़ी में ठगी का मामला दर्ज करके एक आरोपी महाराष्ट्र के अकोला के सिद्धार्थनगर हाल आबाद पवन पार्क सोसाइटी न्यू तापडिया नगर महाराष्ट्र अकोला निवासी सतीश प्रकाश इंगले को गिरफ्तार कर लिया था। सतीश प्रकाश इंगले से खुलासा हुआ था कि उसके बैंक खाते में ठगी की 14 लाख रुपये की राशि ट्रांसफर हुई थी आरोपी नीरज सिंह ने सतीश प्रकाश इंगले का बैंक खाता साइबर ठगों को उपलब्ध कराने के लिए बिचौलिये की भूमिका अदा की थी। पुलिस ने नीरज को अदालत में पेश करके पूछताछ के लिए दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है।
एक अन्य मामले में दो गिरफ्तार
साइबर थाना रेवाड़ी पुलिस ने गांव सुधराणा के एक युवती से ऑनलाइन टास्क के नाम पर 1.14 लाख रुपये की साइबर ठगी करने के मामले में दो आरोपियों चुरू के शेखावत कालोनी के समीर व सोयल को गिरफ्तार किया है। पुलिस इस मामले में एक आरोपी को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।5 जनवरी को गांव सुधराणा निवासी युवती के पास 31 दिसंबर को मोबाइल पर एक मैसेज आया था। उसे गूगल मैप पर रेस्टोरेंट के रिव्यू करने पर पैसा कमाने का लालच दिया गया था। उसे एक टेलीग्राम ग्रुप से जोड़ा गया। पांच अलग अलग ट्रांजेक्शन के जरिए कुल एक लाख 14 हजार 120 रुपये ट्रांसफर करा लिए। जब उससे और पैसे जमा कराने के लिए कहा गया, तो उसे ठगी का अहसास हुआ। पुलिस ने मामले में संलिप्त सोनू को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। सोनू के खाते में 29 हजार रुपये ट्रांसफर हुए थे। अब उक्त दो और आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया है। समीर के बैंक खाते में ठगी की 50 हजार रुपये की राशी ट्रांसफर हुई थी तथा आरोपी सोयल ने समीर का बैंक खाता साइबर ठगों को उपलब्ध कराने के लिए मध्यस्थ की भूमिका अदा की थी। पुलिस ने दोनों को अदालत में पेश करके न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।