विधानसभा में उठा झज्जर के जर्जर हाल सरकारी स्कूलों का मुद्दा
झज्जर विस के विभिन्न गांवों के सरकारी स्कूलों की जर्जर हाल बिल्डिंग का मामला सोमवार को विस में उठाया गया। प्रदेश सरकार की पूर्व शिक्षा मंत्री और झज्जर की कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने जर्जर हाल सरकारी स्कूलों का मुद्दा...
झज्जर विस के विभिन्न गांवों के सरकारी स्कूलों की जर्जर हाल बिल्डिंग का मामला सोमवार को विस में उठाया गया। प्रदेश सरकार की पूर्व शिक्षा मंत्री और झज्जर की कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने जर्जर हाल सरकारी स्कूलों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुई बरसात के कारण या तो वहां के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चोंं को दूसरी जगह पर पढ़ने के लिए भेजना पढ़ा या फिर बच्चों को बरसात के नीचे ही खुले आसमान तले बरसात में भीगते हुए शिक्षा ग्रहण करनी पड़ी है। भुक्कल ने झज्जर विस के गांव बिरोहड़, गुढ़ा, ढाणा, धनीरवास, कबलाना, शेखूपुर, जौंधी, खेड़ी आसरा,भूरावास और झज्जर शहर के विभिन्न सरकारी स्कूलों की हालत अपने मुंह से बयां की। पूर्व शिक्षा मंत्री ने कहा कि इन गांवों में सरकारी स्कूलों की बिल्डिंग जर्जर हाल है। इनमें से अधिकांश को कंडम भी घोषित किया जा चुका है। बिल्डिंग अनसेफ है। लेकिन फिर भी वहां पर कक्षाएं लग रही है।
कांग्रेस विधायक भुक्कल ने कहा कि राजस्थान में सरकारी स्कूल की घटना का हाल किसी से छिपा नहीं है। उन्होंने इसका उदाहरण भी सरकार को दिया है लेकिन उसके बावजूद सरकार इस ओर कतई ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि वह इससे ज्यादा ओर क्या कर सकते है कि उन्होंने जिन बिल्डिंग की हालत जर्जर हाल है या फिर जहां बच्चें खुले आसमान के नीचे पढ़ रहे है उनकी बकायदा वीडियो बनवा कर व फोटो खिंचवाकर उन्होंने विस के पटल पर रखी है और सम्बंधित विभाग के पास भेजी है। लेकिन जिस प्रकार का ढुलमुल रवैया सरकार अपना रही है उससे ऐसा लगता है कि सरकार उनके विस क्षेत्र के साथ पूर्णतया भेदभाव बरत रही है। उन्होंने सरकार से मांग की कि बगैर भेदभाव के सरकार उनके यहां काम कराने का प्रयास करे। कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल की बात सुनने के बाद शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री गीता भुक्कल के आरोपों का तर्क संगत जवाब दिया। उनका कहना था कि सरकार बगैर किसी भेदभाव के काम पूरे हरियाणा में कर रही है। लेकिन कांग्रेस विधायक को यह मामला उठाते समय यह बात भी बतानी चाहिए कि जिन सरकारी स्कूलों की हालत उन्होंने बयां की है वहां पढ़ने वाले छात्रों की संख्या कितनी है। उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि कई स्कूल तो ऐसे है जहां भवन में कमरों की संख्या ज्यादा है और पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या कम है।