मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

सख्त कदमों का असर - जींद ने लिंगानुपात में लगाई 9 अंकों की छलांग

जींद में स्वास्थ्य विभाग के सख्त कदमों का असर दिखा है। लिंगानुपात सुधार के क्षेत्र में जींद जिले ने इस साल उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है। पिछले साल जनवरी से अक्तूबर तक जिले का लिंगानुपात 901 था, जबकि इस...
जींद का सिविल सर्जन कार्यालय, जो जिले का लिंगानुपात सुधारने के प्रयासों में लगा है। हप्र
Advertisement

जींद में स्वास्थ्य विभाग के सख्त कदमों का असर दिखा है। लिंगानुपात सुधार के क्षेत्र में जींद जिले ने इस साल उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है। पिछले साल जनवरी से अक्तूबर तक जिले का लिंगानुपात 901 था, जबकि इस साल के इन्हीं महीनों में यह बढ़कर 910 तक पहुंच गया है। यानी जिले ने 9 अंकों की बड़ी छलांग लगाई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा कन्या भ्रूण हत्या पर सख्ती, जनजागरूकता अभियान, आशा वर्कर्स और एएनएम की जिम्मेदारी तय करने जैसे प्रयासों का यह सकारात्मक परिणाम रहा है। विभाग की सतर्कता और जिला प्रशासन के सहयोग से यह सुधार संभव हो पाया है।

खराब लिंगानुपात वाले 15 गांवों पर विभाग की सख्ती

हालांकि जिले के कुछ गांवों ने लिंगानुपात सुधार की इस रफ्तार को धीमा किया है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 5000 से अधिक आबादी वाले 15 गांवों का लिंगानुपात बहुत खराब पाया गया है। इनमें काकडोद का लिंगानुपात 489, बधाना 643, काबरछा 667, डाहौला 676, करसोला 689, डिडवाडा 694, धरोदी 705, दनोदा खुर्द 710, शाहपुर 759, हाट 763, दबलैन 774, ढाटरथ 788, उझाना 792, दालमवाला 800, गतौली 804 और खेड़ी खेमावती 825 रहा। इन गांवों की स्थिति बेहतर होती तो जिले का औसत लिंगानुपात और ऊंचा होता।

Advertisement

सख्त कदमों का असर- एएनएम, आशा वर्कर्स की बड़ी भूमिका

स्वास्थ्य विभाग ने इन गांवों को रडार पर लिया है और वहां तैनात आशा वर्कर्स, एएनएम तथा संबंधित सीएचसी प्रभारी को कारण बताओ नोटिस जारी किए जा रहे हैं। साथ ही इन क्षेत्रों में विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा ताकि लोगों में बेटा-बेटी के बीच समानता का भाव मजबूत हो।

उदाहरण पेश कर रहे जिले के 15 प्रगतिशील गांव

वहीं, जींद जिले के कुछ गांव लिंगानुपात के क्षेत्र में मिसाल बनकर उभरे हैं। बुडायन का लिंगानुपात 1750, पेगा 1500, इगराह 1385, घोघडियां 1308, कंडेला 1233, लोन 1194, मोरखी 1176, सिवाना माल 1143, उचाना मंडी 1139, बड़ौदा 1098, लिजवाना कलां 1097, बिघाना 1091, रामराय और दुर्जनपुर 1087 पर पहुंचे हैं। ये गांव न केवल जिले बल्कि प्रदेश के अन्य इलाकों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन रहे हैं।

डिप्टी सिविल सर्जन डॉ पालेराम कटारिया।

डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. पालेराम कटारिया ने बताया कि इन सकारात्मक नतीजों के पीछे सिविल सर्जन डॉ. सुमन कोहली और डीसी मोहम्मद इमरान रजा का महत्वपूर्ण सहयोग रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग का लक्ष्य अगले वर्ष तक जिले का लिंगानुपात प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ श्रेणी में लाना है।

11 जिलों में लिंगानुपात गिरा, सीएमओ पर होगी कार्रवाई
Advertisement
Tags :
15 प्रगतिशील गांवडिप्टी सिविल सर्जन डॉ. पालेराम कटारियालिंगानुपातलिंगानुपात सुधारसख्त कदमों का असर
Show comments