‘शिष्य को जीवन का उद्देश्य बताता है गुरु’
भिवानी, 10 जुलाई (हप्र)
सतगुरु कंवर साहेब महाराज ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर दिनोद गांव स्थित राधास्वामी आश्रम मुख्यालय में सत्संग में फरमाया कि गुरु का महत्व शिष्य के जीवन में सबसे बड़ा है। मां बाप का ऋण जीवन में कभी नहीं उतर सकते क्योंकि मां बाप हमें जीवन देते हैं परंतु गुरु तो अपने शिष्य को न केवल जीवन देता है, बल्कि नाम भक्ति से जीवन का उद्देश्य बताता है। उन्होंने कहा कि गुरु पूर्णिमा गुरु की पूर्णता का प्रतीक है। पूर्ण गुरु को पूर्ण समर्पण आपको भी पूर्णता प्रदान करता है। गुरु न केवल परमात्मा का स्वरूप है,बल्कि परमात्मा से बढ़कर है, क्योंकि परमात्मन के अदृश्य स्वरूप को गुरु ही हमारे सामने प्रकट करता है। जिस वस्तु के संग में हम रहते हैं उसी के गुण भी हमारे अंदर प्रगट होने शुरू हो जाते हैं। दुष्ट का संग दुष्टता को उभरता है और नेक का संग नेकी को। कितनी पुरानी कहावत है कि जैसी संगत वैसी मन गत। इसीलिए संत सतगुरु की संगत हर पल करो क्योंकि वो ज्ञान के भंडार हैं उनके वचन बिना किसी संदेह के स्वीकार कर लो बेशक चाहे उसमें हानि ही क्यों ना दिखती हो। गुरु महाराज ने कहा कि सत्संग सबसे बड़ा है। तीर्थ करने का एक फल मिलता है। रक्तदान शिविर भी लगाया, जिसमें 215 यूनिट रक्त का दान किया गया। हुजूर महाराज ने कहा कि आप का दिया रक्त किसी को जीवन देता है अत: बढ़-चढक़र रक्तदान करें।