‘आपातकाल के काले अध्याय की याद दिलाती है प्रदर्शनी’
लोकतंत्र और संविधान की महत्ता को उजागर करने तथा आमजन को आपातकाल की लोकतंत्र विरोधी ऐतिहासिक घटनाओं से अवगत कराने के उद्देश्य से एसडीएम कार्यालय, बल्लभगढ़ में सूचना, जनसम्पर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग हरियाणा की ओर से एक विशेष जन-जागरूकता प्रदर्शनी की शुरुआत की गई है।
संविधान हत्या दिवस विषय पर आधारित इस प्रदर्शनी का उद्घाटन पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं बल्लभगढ़ विधायक मूलचंद शर्मा ने रिबन काटकर किया। प्रदर्शनी में आपातकाल के दौरान देश में लोकतंत्र के विरुद्ध हुई घटनाओं और उस समय लागू किए गए कठोर उपायों को तथ्यों और चित्रों के माध्यम से प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया है। बल्लभगढ़ के विधायक मूलचंद शर्मा ने कहा कि 25 जून 1975 को देश पर थोपा गया आपातकाल भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का सबसे काला अध्याय था, जिसे देश कभी नहीं भूल सकता। आपातकाल के दौरान न केवल मौलिक अधिकारों को समाप्त किया गया, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता को भी दबा दिया गया और लोकतांत्रिक संस्थानों को पूरी तरह से निष्िक्रय कर दिया गया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2024 में 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में अधिसूचित किया गया है ताकि देश के युवाओं को यह स्मरण दिलाया जा सके कि लोकतंत्र की रक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कितनी मूल्यवान है। इस मौके पर तहसीलदार भूमिका लाम्बा, डीपीआरओ मूर्ति, भाजपा नेता टिपरचंद शर्मा, पार्षद महेश गोयल, पार्षद योगेश शर्मा, पार्षद सोनू वैष्णव, पूर्व पार्षद हरप्रसाद गौड़, स्वराज भाटी, नवीन चेची, जेपी मास्टर, ज्ञानेंद्र भारद्वाज, सुषमा यादव, व्यापार मंडल प्रधान प्रेम खट्टर, सुनील शास्त्री मौजूद रहे।