प्रशासन की ओर से जल्द होगा मूल्यांकनकर्ता समिति का गठन
किसानों ने डीसी से मुलाकात को सकारात्मक करार दिया
सोनीपत, 6 जून (हप्र)
बिजली ग्रिड लाइन परियोजना से प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा देने के लिए जल्द ही मूल्यांकनकर्ता समिति का गठन हो सकता है। मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर दिल्ली के औचंदी बॉर्डर से शुरू हुआ संघर्ष अब जिला स्तर पर प्रशासनिक वार्ता तक पहुंच गया है। किसानों की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान कामगार अधिकार मोर्चा के प्रतिनिधियों ने उपायुक्त से मुलाकात कर अपनी मुख्य मांग मूल्यांकनकर्ता समिति के गठन करने की बात को दोहराया है।
बता दें कि किसानों का आंदोलन 13 सितंबर, 2023 को दिल्ली के औचंदी बॉर्डर से आरंभ हुआ था। इसके बाद 11 फरवरी 2024 को पंचायत में यह निर्णय लिया गया कि जब तक किसानों को उपयुक्त मुआवजा नहीं मिलेगा, खेतों में पावर ग्रिड का कार्य नहीं होने दिया जाएगा। इसके चलते ग्रिड का कार्य ठप करवा दिया गया। मई, 2024 में किसानों ने हरियाणा के मुख्यमंत्री और एसीएस एके सिंह से मुलाकात की थी। केंद्र सरकार ने इसके बाद 14 जून 2024 को मुआवजा नीति जारी की जिसमें टावर बेस क्षेत्र के लिए 200 फीसदी और रॉ कॉरिडोर के लिए 30 फीसदी मुआवजा तय किया गया। मगर किसानों ने इसे अस्वीकार कर आंदोलन जारी रखा। प्रदेश सरकार ने 10 जुलाई 2024 को केंद्र की पुरानी नीति लागू करने के बाद किसानों में असंतोष और बढ़ गया।
इसी क्रम में 27 जनवरी को किसानों ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की। मंत्री ने 2 फरवरी को औचंदी गांव में पहुंचकर किसानों को नयी नीति का आश्वासन दिया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने 21 मार्च को नई गाइड लाइन जारी की जिसमें मुआवजा दरें ग्रामीण, नगरीय और प्लानिंग क्षेत्रों के अनुसार तय की गईं। प्रदेश सरकार ने 2 जून को इस नयी नीति को लागू कर दिया।
किसानों का कहना है कि पावर ग्रिड की स्थापना के चलते उनकी कृषि भूमि प्रभावित हो रही है, जबकि सरकार की तरफ से घोषित मुआवजा दरें वास्तविक बाजार मूल्य से बेहद कम हैं। इसी को लेकर वह लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। उनकी मांग है कि प्रत्येक गांव से एक प्रतिनिधि को लेकर एक स्वतंत्र मूल्यांकनकर्ता समिति गठित की जाए जो बाजार मूल्य के अनुसार मुआवजा तय करे।
भारतीय किसान कामगार अधिकार मोर्चा के सत्येंद्र लोहचब और दहिया खाप चौबीसा के प्रधान एवं गांव नाहरा के सरपंच उमेश दहिया ने बताया कि उपायुक्त से हुई वार्ता में प्रशासन ने सकारात्मक रुख अपनाया है। उपायुक्त ने किसानों को आश्वस्त किया कि मूल्यांकनकर्ता समिति के लिए प्रत्येक गांव से सर्वसम्मति से एक प्रतिनिधि चुना जाए ताकि समिति निष्पक्ष और प्रभावी ढंग से कार्य कर सके।
