बुजुर्ग परिवार का आधार, उन्हें अकेलेपन का शिकार न होने दें : वीरेंद्र कुमार
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि भारतीय संस्कृति में संयुक्त परिवार की परंपरा रही है, जहां माता-पिता और बुजुर्गों की सेवा करना परिवार के प्रत्येक सदस्य की सामूहिक एवं नैतिक जिम्मेदारी होती है। उन्होंने कहा कि आज समाज के लिए यह आवश्यक है कि हम बुजुर्गों से ज्ञान और अनुभव प्राप्त करें, साथ ही उन्हें अकेलेपन का शिकार न होने दें। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।
केंद्रीय मंत्री रविवार को गुरुग्राम के बहोड़ा कला स्थित ब्रह्मकुमारी के ओम शांति रिट्रीट सेंटर में समाज सेवा प्रभाग एवं ब्रह्मकुमारी के दिल्ली जोन के तत्वावधान में आयोजित संगम-गौरवपूर्ण वृद्धावस्था एवं सम्मानित जीवन के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में सोशल सर्विस विंग की चेयरपर्सन राजयोगिनी ब्रह्मकुमारी संतोष एवं ओम शांति रिट्रीट सेंटर की निदेशक ब्रह्मकुमारी आशा तथा सोशल सर्विस विंग के उप चेयरपर्सन ब्रहमकुमार प्रेम सिंह एवं सोशल सर्विस विंग के नेशनल कोऑर्डिनेटर बीके अवतार सहित केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय से सचिव अमित यादव की गरिमामयी उपस्थिति रही।
केन्द्रीय मंत्री ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ करने के उपरांत आह्वान किया कि नई पीढ़ी को अपने बुजुर्गों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान की भावना बनाए रखनी चाहिए। उन्होंने बताया कि बुजुर्गों को एक सम्मानजनक जीवन प्रदान करने के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय और ब्रह्मकुमारी संस्था के बीच हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) से अन्य संस्थानों को भी प्रेरणा मिलेगी और वे मंत्रालय की इस सार्थक पहल में सहभागी बनेंगे।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा इस क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 70 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके बुजुर्गों को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा जा रहा है। इसके अतिरिक्त ‘वरिष्ठ योजना’ के अंतर्गत बुजुर्गों को आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता के साथ-साथ एक समर्पित हेल्पलाइन के माध्यम से उनकी कठिनाइयों का निवारण किया जा रहा है। मंत्रालय द्वारा देश के प्रत्येक आवश्यकता वाले जिले में ओल्ड ऐज होम खोलने की दिशा में निरंतर कार्य किया जा रहा है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ब्रह्मकुमारी आशा दीदी ने कहा कि आधुनिक जीवनशैली ने प्रत्येक रिश्ते के लिए विशेष आयोजन का दिन निर्धारित कर दिया है। इसी दिशा में हमें ग्रैंड पेरेंट्स-डे भी मनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के उत्सव नई पीढ़ी के मन में प्रेम और सम्मान की भावना को जीवित रखने में सहायक होंगे।
उन्होंने मानव जीवन में भगवान श्रीराम के आदर्श चरित्र को आत्मसात करने का आह्वान करते हुए कहा कि यदि हम उनके गुणों को जीवन में धारण करें तो पारिवारिक, सामाजिक और राष्ट्रीय जीवन और अधिक उज्ज्वल बन सकता है। इस अवसर पर बीके विजया, बीके आशा, बीके स्वामीनाथन, बीके सुनैना, बीके उर्मिल, बीके रमाकांत आचार्य सहित ओम शांति के अनुयायी उपस्थित रहे।