मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत ईडी करेगी पंचायत विभाग में 57 करोड़ रुपये गबन की जांच
आरोपी सभी 13 लोगों की संपत्तियों की सभी सेल डीड को होल्ड पर रखा गया
केंद्र सरकार की वित्तीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अब प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत पंचायत विभाग में हुए 57 करोड़ रुपये के गबन मामले की जांच करेगी। इस संबंध में ईडी ने जिला राजस्व विभाग के अधिकारियों को ई-मेल के जरिए निर्देश भेजे हैं।
निर्देशों के अनुसार, गबन मामले में शामिल राकेश कुमार, श्याम सुंदर सहित 13 लोगों की संपत्तियों की सभी सेल डीड को होल्ड पर रखा गया है। ईडी की मंजूरी के बिना अब इन संपत्तियों की बिक्री, पट्टा या लीज पर देने की अनुमति नहीं दी जाएगी। संबंधित सभी संपत्तियों का पूरा ब्यौरा भी एजेंसी को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
गौरतलब है कि पंचायत विभाग में कार्यरत क्लर्क राकेश कुमार ने विभिन्न मदों में बजट की मांग के नाम पर करीब 57 करोड़ रुपये का गबन किया था। मामले की शिकायत डीडीपीओ उपमा अरोड़ा ने विभागीय अधिकारियों को और हसनपुर के बीडीपीओ प्रवीण कुमार ने थाना पुलिस को दी थी।
प्रारंभिक जांच के बाद मामला एंटी करप्शन ब्यूरो को सौंपा गया, जिसने जांच के दौरान 13 लोगों को आरोपी बनाया। इनमें से अधिकांश आरोपी गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं, जबकि मुख्य आरोपी राकेश कुमार को अदालत से जमानत मिल चुकी है। डीआरओ बलराज सिंह ने बताया कि अब तक नौ संपत्तियों की सेल डीड होल्ड की गई हैं, जिनमें तीन पलवल की और छह हसनपुर क्षेत्र की हैं।
ईडी ने जिला राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिया है कि आरोपी शमशेर सिंह (गांव कलायत, कैथल), सुनील उर्फ सोनू (किसवा गढ़ी, बुलंदशहर), राकेश कुमार, ट्रेजरार बिजेंद्र सिंह, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सतपाल, तेजेंद्र सिंह, दीपक कुमार, विवेक कुमार, गोल्डी, श्याम सुंदर, अनूप कुमार, गौतम और चतर सिंह की संपत्तियों को जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक होल्ड रखा जाए।
