कलेक्टर रेट में बढ़ोतरी का फैसला जन विरोधी
कलेक्टर रेट में बढ़ोरती के फैसले को पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने जन विरोधी बताते हुए कहा कि 10 से लेकर 145 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है, इससे आम आदमी के घर और ज़मीन के सपने पर कुठाराघात हुआ है। कांग्रेस पार्टी इस फैसले का पुरजोर विरोध करती है और सरकार से इसे वापस लेने की मांग करती है। यह वृद्धि ऐसे समय में की गई है जब महंगाई चरम पर है और लोगों का जीवन यापन मुश्किल हो रहा है। सरकार का यह कदम जनविरोधी है और हम सरकार से मांग करते हैं कि वह इस फैसले पर पुनर्विचार करे और आम जनता को राहत दे। यह वृद्धि 9 महीने के भीतर दूसरी बार हुई है और वह भी जनता से बिना किसी संवाद या चर्चा के जो सरकार के तानाशाही रवैये को दर्शाता है। भाजपा ने वर्ष 2022 तक सबको पक्का मकान देने का वायदा किया था, लेकिन अब वह इसका बोझ आम लोगों पर डाल रही है। आम आदमी का अपना घर बनाने का सपना चकनाचूर हो रहा है। श्री यादव ने बताया कि यह वृद्धि रियल एस्टेट क्षेत्र में मंदी को और बढ़ाएगी, जिससे रोजगार के अवसर कम होंगे। मकानों की दरें पहले से ही मध्यम वर्ग और आम कर्मचारियों की पहुँच से बाहर थीं, यहाँ तक कि उन्हें बैंकों से लिए गए मकान के लोन की ईएमआई चुकाना भी मुश्किल हो रहा था। अब कलेक्टर रेट बढ़ाकर उनके सपने चकनाचूर किए जा रहे हैं। किसान भाइयों को भी इस वृद्धि की मार झेलनी पड़ेगी वहीं अगर कोई व्यवसाय करना चाहता है तो उसको भी इसका सामना करना पड़ेगा। सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए और आम आदमी के हितों की रक्षा करनी चाहिए।