मृतक की पत्नी ने सोनीपत पुलिस आयुक्त से लगाई गुहार
सफ़ीदों उपमंडल के भिड़ताना गांव के समीप एक्सप्रेस-वे 315-ए के टोल प्लाजा पर धरना देकर सभी वाहनों के लिए आवागमन टोलफ्री करने की आंदोलनकारियों की प्रक्रिया मंगलवार को भी जारी रही। आंदोलनकारी धरने पर जमे रहे और टोल वसूली की प्रक्रिया ठप रही। आज भी आसपास के इलाकों से अनेक लोग इस आंदोलन से जुड़े जो दिन भर 16 अक्तूबर की महापंचायत के लिए लोगों को बुलावा फोन पर भेजते रहे। इस मामले में धरने की अध्यक्षता कर रहे अंकुश सिवाच के अनुसार, मृतक समरजीत उर्फ सुमित के भाई रविंदर व विधवा मंजू ने सोनीपत के पुलिस आयुक्त से समरजीत की दुर्घटना के मामले की सही जांच कराए जाने की मांग की है क्योंकि समरजीत की कथित दुर्घटना का मामला जिला सोनीपत के बरोदा थाना में दर्ज है।
अंकुश ने बताया कि सोनीपत के पुलिस आयुक्त को दी शिकायत में रविंद्र व मंजू ने आरोप लगाया है कि समरजीत की कथित दुर्घटना की पूर्व रात्रि उसकी कम्पनी में चैनसिंह नाम के टिकट कलेक्टर ने मृतक को रात में बार-बार फोन किया जिसमें उसने 26 अगस्त दोपहर 11 बजे के लिए निर्धारित किसी बैठक बारे बात की। जम्मू-कटरा हाईवे ट्रैक पर झज्जर जिला के हसनगढ़ टोल प्लाजा व जींद के पांडवा टोल प्लाजा के बीच रक्षक सिक्योरिटी टोल इंफ्रा के महाप्रबंधक समरजीत घटना के दिन सुबह अपनी कार में घर से निकले थे और दिन में डायल 112 ने उनकी दुर्घटना में मौत होने की सूचना रविंद्र को दी और जब तक वह घटनास्थल पर पहुंचे समरजीत का शव वहां से हटाकर अस्पताल ले जाया जा चुका था।
अंकुश के अनुसार पुलिस आयुक्त को दी शिकायत में समरजीत की हत्या की आशंका जताते हुए कई अन्य लोगों के नाम भी जांच में शामिल करने को दिए गए हैं और कहा गया है कि जांच अधिकारी ने घटना की सही जांच करने को सीसीटीवी कैमरों को चेक नहीं किया और न ही यह हासिल करने का प्रयास किया कि किस कथित अज्ञात वाहन की टक्कर में समरजीत की मौत हुई। उसने बताया कि पुलिस आयुक्त से अनुरोध किया गया है कि किसी अन्य जांच अधिकारी या एजेंसी को इस मामले की जांच का काम
सौंपा जाए।