नहर में पैर फिसलने से डूबी दो बहनों के शव तीसरे दिन बरामद
रोहद-मांडौठी के बीच से गुजर रही एनसीआर माइनर में पैर फिसलने से डूबी 2 बच्चियों के शव तीसरे दिन रविवार को घटनास्थल से 15 से 25 किलोमीटर क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों से बरामद हुए। बच्चियों को बचाने के लिए नहर में कूदे उनके मामा सुनील की भी पानी में डूबने से मौत हो गई थी। इस हादसे में मामा व उसकी 2 भानजियों की मौत से परिवार के लोग सदमे में हैं।
रोहद गांव में किराये के मकान में रहने वाला सुनील एक फैक्टरी में काम करता था। शुक्रवार शाम को वह अपनी 2 भानजियों (7 वर्षीय रागिनी व 10 वर्षीय उर्मी) के साथ एनसीआर नहर पर कपड़े धोने के लिए गया था। कपड़े धोने के दौरान उसकी भानजियों का पैर फिसल गया और वह नहर में गिर गईं। उन्हें बचाने के लिए सुनील ने भी छलांग लगा दी मगर पानी का बहाव तेज होने व नहर गहरी होने के चलते वह भी डूब गया। नहर किनारे जब किसी ने उनकी चप्पल देखी तो पुलिस को सूचना दी जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर तलाशी अभियान चलाया।
ग्रामीणों व एसडीआरएफ की टीम ने भी नहर में घंटों तक तलाशी अभियान चलाया था। इस दौरान सुनील का शव तो शनिवार को मिल गया था मगर उसकी दोनों भानजियों का पता नहीं लग पाया था। रविवार को भी पुलिस ने नहर में सर्च अभियान चलाया। गोयला कलां के पास बड़ी लड़की उर्मी का शव बरामद हुआ, जबकि छोटी लड़की रागिनी का शव मुंडाखेड़ा पम्प हाउस के पास मिला है। थाना आसौदा से जांच अधिकारी सहायक उप निरीक्षक संदीप कुमार ने बताया कि नहर में डूबी दोनों लड़कियों के शव रविवार को अलग-अलग क्षेत्रों से बरामद हुए हैं। शवों का पोस्टमार्टम नागरिक अस्पताल में करवाने की कार्रवाई अमल में लाई गई है। उन्होंने बताया बयान के आधार पर घटना को इत्तेफाक मानते हुए कार्रवाई की गई है।