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संकल्पों की गुणवत्ता जितनी अच्छी होगी, उतना ही जीवन बाधाओं से मुक्त होगा : राजयोगिनी आशा

नारनौल, 12 जुलाई (निस) जनपद गुरुग्राम के ग्राम भोड़ा कलां स्थित ब्रह्माकुमारीज के ओम शांति रिट्रीट सेंटर में सुरक्षा बलों के अधिकारियों के लिए तीन दिवसीय सेमिनार का आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम ब्रह्माकुमारीज संस्थान एवं भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना...
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नारनौल, 12 जुलाई (निस)

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जनपद गुरुग्राम के ग्राम भोड़ा कलां स्थित ब्रह्माकुमारीज के ओम शांति रिट्रीट सेंटर में सुरक्षा बलों के अधिकारियों के लिए तीन दिवसीय सेमिनार का आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम ब्रह्माकुमारीज संस्थान एवं भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) के तत्वाधान में हुआ। दीप प्रज्वलित कर सेल्फ एम्पावरमेंट एंड मेंटल वेल बींग विषय पर आयोजित सेमिनार का शुभारम्भ हुआ।

कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में भारतीय नौसेना के पूर्व वाइस एडमिरल सतीश कुमार नामदेव घोरपड़े ने कहा कि वो काफी समय से संस्था से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि राजयोग जीवन को सरल, सहज एवं सफल बनाने की विधि सिखाता है। ईसीएचएस का ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के साथ जुड़ने का प्रमुख कारण स्व सशक्तीकरण करना है। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष बल देती है। ईसीएचएस के संयुक्त निदेशक कर्नल राजीव ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ के साथ उन्होंने एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।

पूर्व सीजीडीए देविका रघुवंशी, आइडीएएस ने संस्था के साथ का अनुभव साझा किया। कार्यक्रम में ओआरसी की निदेशिका राजयोगिनी आशा दीदी ने कहा कि राजयोग के माध्यम से ही मन शक्तिशाली बनता है। उन्होंने कहा कि संकल्पों की गुणवत्ता जितनी अच्छी होगी, उतना ही जीवन बाधाओं से मुक्त होगा। संकल्प एक ऊर्जा का कार्य करते हैं। संस्थान के दिल्ली हरीनगर से संबंधित सेवा केंद्रों की निदेशिका राजयोगिनी शुक्ला दीदी ने कहा कि मानव जीवन प्रभु का वरदान है। वर्तमान समय मानव ही सबसे दुखी और अशांत है। इसका मूल कारण मूल्यों का ह्रास है। मन को शक्तिशाली बनाने के लिए हमें अपनी स्मृतियों को सशक्त करना होगा। कार्यक्रम में 75 से भी अधिक सेना के पूर्व अधिकारी एवं सैनिक सम्मिलित हुए। कार्यक्रम का संचालन सेना के पूर्व कर्नल बीसी सती ने किया।

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