Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

मीनू ठाकुर की अष्टभुजा दुर्गा वंदन से देवी शक्ति का अवतरण देख दर्शक रोमांचित

सूरजकुंड दिवाली मेला : कला, संस्कृति और स्वाद का अनोखा संगम सूरजकुंड पर्यटन स्थल पर आयोजित आत्मनिर्भर भारत स्वदेशी मेला (द्वितीय दिवाली मेला) में लोगों ने न केवल खरीदारी का आनंद लिया, बल्कि लोक कला, नृत्य और स्वादिष्ट व्यंजनों...

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
सूरजकुंड में आयोजित आत्मनिर्भर भारत स्वदेशी मेला की बड़ी चौपाल पर कुचिपुड़ी की प्रस्तुति देतीं नृत्यांगना मीनू ठाकुर। -हप्र
Advertisement

सूरजकुंड दिवाली मेला : कला, संस्कृति और स्वाद का अनोखा संगम

सूरजकुंड पर्यटन स्थल पर आयोजित आत्मनिर्भर भारत स्वदेशी मेला (द्वितीय दिवाली मेला) में लोगों ने न केवल खरीदारी का आनंद लिया, बल्कि लोक कला, नृत्य और स्वादिष्ट व्यंजनों का भी भरपूर मज़ा उठाया। मेले की बड़ी चौपाल पर शाम को संस्कृति और अध्यात्म का अद्भुत संगम देखने को मिला।

इस अवसर पर प्रसिद्ध कुचिपुड़ी नृत्यांगना मीनू ठाकुर ने अपनी भव्य प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया। मीनू ठाकुर ने अष्टभुजा दुर्गा वंदना की प्रस्तुति के माध्यम से देवी शक्ति की अलौकिक छवि मंच पर जीवंत कर दी। लाल और स्वर्ण रंग के परिधान में सजी नृत्यांगना ने भावपूर्ण अभिव्यक्ति और नृत्य शैली की बारीकियों से ऐसा दृश्य रचा कि ऐसा प्रतीत हुआ मानो मां दुर्गा स्वयं मंच पर अवतरित हो गई हों। इस प्रस्तुति को देखकर दर्शकों ने जोरदार तालियों और उत्साह से उनका स्वागत किया।

Advertisement

स्वदेशी उत्पादों और घरेलू व्यंजनों की भी भरमार

मेला में केवल सांस्कृतिक प्रस्तुतियां ही नहीं, बल्कि स्वदेशी उत्पादों और घरेलू व्यंजनों की भी भरमार थी। झज्जर की ग्रामीण महिलाएं अपने स्वयं सहायता समूह के तहत तैयार किए गए शुद्ध मसालों और बाजरे के लड्डुओं के स्टॉल लेकर आईं। एसडी शुद्ध मसाला नामक स्टॉल पर मसालों के विभिन्न प्रकार जैसे गर्म मसाला, हल्दी, कम तीखी और चटपटी मिर्च, सौंफ, सेंधा नमक आदि प्रदर्शित किए गए।

Advertisement

इन मसालों में कोई मिलावट नहीं होती और ये स्वास्थ्यवर्धक भी होते हैं। संचालिका कमला ने बताया कि उनके समूह ने 2014 में 10 महिलाओं के साथ मिलकर स्वयं सहायता समूह की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू किए गए हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर उन्होंने एक लाख रुपए का लोन लेकर मसालों का व्यवसाय शुरू किया।

इसके बाद तीन समूहों को जोड़कर एक ग्राम संगठन बनाया। उनकी मेहनत और निष्ठा ने न केवल ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि स्थानीय लोगों और मेले में आने वाले पर्यटकों को भी स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद उपलब्ध कराए।

बाजरे के शुगर फ्री लड्डू बन रहे लोगों की पहली पसंद

विशेष आकर्षण रहे बाजरे के शुगर-फ्री लड्डू, जिन्हें खासकर शुगर रोगियों के लिए स्वास्थ्यवर्धक माना गया। स्वाद में लाजवाब ये लड्डू मेले में आगंतुकों की पहली पसंद बन गए।

मेले की मुख्य चौपाल पर विद्यार्थियों ने भी अपनी सांस्कृतिक प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया। विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों ने सामूहिक और एकल नृत्य प्रस्तुतियों के माध्यम से हरियाणवी संस्कृति, लोकगीत और पारंपरिक वेशभूषा का जीवंत चित्रण किया। राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मेवला महाराजपुर और पीएमश्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एनआईटी फरीदाबाद के विद्यार्थियों ने लोकगीतों जैसे ‘खूबर पढ़ईयो रे’ और तीन रंगों का लहराए ये तिरंगा पर सामूहिक नृत्य और गायन प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

लोक कलाकारों ने जीवंत रखी हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत

मेले में हरियाणा के विभिन्न जिलों से आए लोक कलाकार भी अपनी प्रतिभा से दर्शकों का मनोरंजन कर रहे हैं। जिला पलवल के गांव बंचारी से आई सुरेंद्र सिंह व नगाड़ा पार्टी, सोनीपत के वजीरपुर टिटाना गांव से जय सिंह नाथ की म्यूजिक-सपेरा डांस पार्टी और जिला जींद से आई मास्टर चंद्रभान बीन पार्टी ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों और नृत्य के माध्यम से लोक कला को जीवंत बनाए रखा।

इन प्रस्तुतियों के माध्यम से न केवल राज्य के गौरवशाली अतीत को संरक्षित किया जा रहा है, बल्कि युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने में भी मदद मिल रही है। सूरजकुंड दिवाली मेला एक ऐसा मंच बन गया है जहां भारतीय शास्त्रीय नृत्य, लोक संस्कृति, स्वास्थ्यवर्धक व्यंजन और स्वदेशी उत्पादों का सुंदर समन्वय देखने को मिलता है। यह मेला न केवल हरियाणा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को उजागर करता है, बल्कि देश और दुनिया के लोगों को यहां की लोक कला और परंपराओं से रूबरू कराता है।

Advertisement
×