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‘सैयां भए कोतवाल’ से दर्शक हुए लोट-पोट

हिन्दी रंगमंच दिवस पर तीन दिवसीय नाट‍्य उत्सव आयोजित
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रेवाड़ी में शनिवार को हास्य नाटिका पेश करते कलाकार। -हप्र
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रेवाड़ी, 5 अप्रैल (हप्र)हरियाणा कला परिषद एवं शहर की नाट्य संस्था भरतमुनि कला केंद्र द्वारा हिन्दी रंगमंच दिवस पर रेवाड़ी में आयोजित तीन दिवसीय नाट्य उत्सव के दूसरे दिन मंचित हुआ नाटक 'सैयां भए कोतवाल' ने दर्शकों को हंस-हंस कर लोगों का लोट-पोट कर दिया।

संस्था के प्रधान मदन डागर ने बताया कि इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय युवा पुरस्कार विजेता व नगरपालिका उपप्रधान मंजू कौशिक ने शिरकत की। कार्यक्रम के शुरू होने से पहले शहीद सिद्धार्थ यादव व अभिनेता मनोज कुमार के निधन पर दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी गई। तत्पश्चात मुख्य अतिथि द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप जलाकर द्वितीय दिन नाटक का सफल मंचन किया गया। इसका निर्देशन वरिष्ठ रंगकर्मी सतीश मस्तान द्वारा किया गया।

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इसके लेखक प्रसिद्ध साहित्यकार बसंत सबनीस हैं। इस नाटक में एक राज्य की दशा को बतलाया गया है की जिसमें वहां के अधिकारी किस तरह भ्रष्टाचार करते हैं और राजा को धोखा देते हैं और अपनी महत्वकांक्षाओं की पूर्ति के लिए अपने लोगो को अधिक से अधिक राजकीय लाभ पहुंचाते हुए भ्रष्टाचार की सभी सीमाओं को पार कर देते हैं।

इसी जद्दोजहद में नाटक का नायक कोतवाल मैना से प्रेम करने लगता है और मैना उससे राजा के छपरी पलंग की मांग करती है। अंत में हवलदार जो मैनावती से शादी करना चाहता है, राजा को कोतवाल द्वारा उनके छपरी पलंग चुराने की घटना बताता है। राजा कोतवाल को मृत्युदंड देता है जैसा कि हवलदार ने मैना से वादा किया था कि वो कोतवाल बनने पर ही मैना से शादी करेगा, हवलदार की निष्ठा और ईमानदारी देख कर राजा उसे कोतवाल की उपाधि दे देता है।

नाटक में राजा की भूमिका राम चरण ने, मैना की तानिया ने, हवलदार की ललित वर्मा ने, सिपाही की संजय चौधरी ने, सख्या की लक्ष्मी ने, प्रधान की कशिश बत्रा ने, कोतवाल की जय डागर व अंकुर ने निभाई। संगीत आरती ने दिया। मंच संचालन हिंदी साहित्य के कवि सुधीर द्वारा किया गया।

इस अवसर पर रंगकर्मी मास्टर विजय शर्मा, लावण्या फाउंडेशन के सचिव झम्मन सिंह सैनी, रंगकर्मी मनोज शर्मा, एआर अकादमी से अभिषेक सैनी, सागर सैनी, करण सैनी, संतोष इंदौर आदि गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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