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बदल गया अल फलाह यूनिर्वसिटी का माहौल

डॉक्टरों, मरीजों की संख्या हुई कम

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दिल्ली ब्लास्ट के बाद जिले की अल फलाह यूनिवर्सिटी में माहौल पूरी तरह से बदल चुका है। ब्लास्ट से पहले क्लासें नियमित रूप से चल रही थी, लेकिन अब यूनिवर्सिटी में विद्यार्थी क्लास कम ले रहे हैं और मेडिकल स्टाफ और छात्र अपने घर की ओर रवाना हो रहे हैं। गांव धौज में यूनिवर्सिटी बनी होने के कारण लोगों में भी भय का माहौल बना हुआ है, लगातार पुलिस टीमें अपनी जांच में जुटी हुई हैं। पुलिस की ओर से डबल लेयर वेरिफिकेशन शुरू कर दी गई है, विद्यार्थियों और स्टाफ की वेरिफिकेशन की जा रही है। डॉक्टर और मरीजों की संख्या घट गई है। अल फलाह यूनिवर्सिटी जांच एजेंसी के रडार पर है। छात्रों के अनुसार कश्मीरी डाॅक्टर क्लास लेने के लिए नहीं आ रहे हैं। रोजाना स्टाफ और बच्चे घर की तरफ रवाना हो रहे हैं। रोजाना जांच एजेंसियों के आने-जाने से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। सबसे ज्यादा नुकसान एमबीबीएस फाइनल ईयर के छात्रों को हो रहा है। छात्रों का मानना है कि इसका सबसे ज्यादा असर उनकी रैंक पर पढ़ने वाला है।

बाहरी व्यक्ति की यूनिवर्सिटी में नहीं एंट्री

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यूनिवर्सिटी के अंदर से लगातार हो रही गिरफ्तारियों और कसते शिकंजे को लेकर पढ़ाई करने वाले छात्र डरे हुए हैं। कैंपस में पहले रहने वाले टीचरों और छात्रों की चहलकदमी गायब हो चुकी है। छात्र अब अधिकतर अपना समय अपने कमरों में बिता रहे हैं। यूनिवर्सिटी के मुख्य गेट से केवल अस्पताल में आने वाले मरीजों को आने-जाने की इजाजत दी जा रही है। बाकी किसी बाहरी या अनजान शख्स को गेट से अंदर नही जाने दिया जा रहा है।

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कश्मीरी प्रोफेसरों ने की क्लास बंद

एमबीबीएस के एक छात्र ने बताया कि उसका चौथा साल चल रहा है। पहले जैसी क्लास नहीं लग रही है। जम्मू.कश्मीर से जो डॉ. प्रोफेसर यहां पर क्लास लेते थे, अब वो क्लास नहीं ले रहे हैं। ब्लास्ट के बाद से ही पहले तो उन्होंने क्लास में कम समय देना शुरू किया, लेकिन अब पूरी तरह से क्लास बंद की हुई है। जिसके कारण कुछ ही प्रोफेसर उनकी क्लास में आ रहे हैं।

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