परीक्षार्थियों को केंद्रों तक पहुंचाने में रात से लगा रहा प्रशासन, डटे रहे डीसी साहिल गुप्ता
भिवानी में डीसी साहिल गुप्ता द्वारा जिला में सीईटी परीक्षा के निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से संपन्न करवाने को लेकर किए गए प्रबंध सार्थक साबित हुए। एक तरफ जहां सीईटी परीक्षा के दौरान अधिकारियों की दिन-रात की मेहनत रंग लाई वहीं ड्यूटी का फर्ज अधिकारियों और कर्मचारियों की दो रात की नींद पर भारी रहा। सोनीपत और महेंद्रगढ़ के लिए सिवानी और बहल से बसें रविवार अल सुबह 3.30 बजे ही रवाना हुई। बसों की रवानगी को लेकर बस स्टैंड की ओवरऑल इंचार्ज एवं सिवानी की एसडीएम विजया मलिक और जीएम रोडवेज दीपक कुंडू स्वयं बसों को रवाना करने में लगे रहे और उन्होंने पूरी व्यवस्था को संभाले रखा।
डीसी साहिल गुप्ता ने संभाला इंतजाम
इसी प्रकार से शहर में 35 जगहों पर बनाए गए 56 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों के पहुंचने के लिए सात रूट बनाए गए और जिन पर अलग-अलग एसडीएम को कमान दी गई। इसके साथ ही शहर में शटल बस सेवा चलाई गई। इसी प्रकार से 70 ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए।
इस तमाम प्रबंधों का असर रविवार को भी सीईटी परीक्षा के दौरान दिखाई दिया। सिवानी की एसडीएम विजया मलिक की देखरेख में जीएम रोडवेज दीपक कुंडू ने रविवार को भी निर्धारित समय पर अन्य शहरों के लिए परीक्षार्थियों को बसों में रवाना किया। रोड़वेज के चालक, परिचालकों के अलावा निरीक्षक, उप निरीक्षक और लिपिक आदि पूरी व्यवस्था में लगे रहे।
एसडीएम महेश कुमार को डीसी साहिल गुप्ता ने लगाया ओवरऑल इंचार्ज
डीसी के आदेशानुसार सातों रूटों के ओवरऑल इंचार्ज यानि रूट नंबर एक पर एसडीएम महेश कुमार, रूट नंबर दो,तीन, चार के ओवरऑल इंचार्ज लोहारू के एसडीएम मनोज दलाल, रूट नम्बर पांच, छह और सात के ओवरऑल इंचार्ज तोशाम के एसडीएम अशवीर नैन पूरी मुस्तैदी से साथ अपनी ड्यूटी पर तैनात रहे और परीक्षा केंद्रों पर शटल बस सेवा सुचारू रखने के साथ-साथ परीक्षा केंद्रों पर शांति व्यवस्था बनाए रखनी की कमान संभाली। इसी प्रकार से सीईओ जिला परिषद अजय चोपड़ा ने लघु सचिवालय परिसर में पुलिस की सुरक्षा के बीच प्रश्नपत्रों को परीक्षा केंद्रों तक भिजवाने की व्यवस्था को देखा। वहीं नगराधीश अनिल कुमार सीईटी सभी औपचारिकताएं पूरी करवाने में जुटे रहे।
नानी के साथ-साथ नौनिहालों के लिए ममता की छांव बने पिता
सीईटी की परीक्षा के दौरान नानी के साथ-साथ नौनिहालों के लिए पिता भी ममता की छांव बने। अनेक परीक्षा केंद्रों पर पिता अपने नौनिहालों को अपनी सीने से लगाए दिखाई दिए तो कहीं पर पिता उनके मासूमों के साथ अठखेलियां करते दिखाई दिए। गांव सिसाय निवासी मनित ने बताया कि वह अपनी पत्नी का पेपर दिलाने के लिए आया है। हिसार से परीक्षा देने आई सोनिया ने बताया कि वे अपने दो साल के बच्चे के साथ परीक्षा देने आई हैं। उनका दो साल का बेटा परीक्षा के दौरान उनके पापा के पास ही रहेगा। हिसार से अपनी बेटी सुजल की परीक्षा दिलाने आई बुजुर्ग महिला ने अपने दोहते को गर्मी से बचाने के लिए अपने दुपट्टे को कवच बनाया।
सीईटी के पहले दिन की दोनों सत्रों की परीक्षा रही शांतिपूर्ण
रेडक्रॉस के वालंटियर फिर बने दिव्यांगों का सहारा
सीईटी की परीक्षा के दौरान जिला रेडक्रॉस वालंटियर दूसरे दिन फिर एक बार दिव्यांगजन परीक्षार्थियों का सहारा बने। इस दौरान परीक्षा देने पहुंचे दिव्यांग परीक्षार्थियों को व्हील चेयर के माध्यम से परीक्षा केंद्र तक पहुंचाया। इस दौरान रेडक्रास सोसायटी के सचिव प्रदीप हुड्डा भी स्वयं अपनी गाड़ी में दिव्यांगजनों को उनके परीक्षा केंद्रों पर लेकर पहुंचने।
डीसी साहिल गुप्ता ने रविवार को सीईटी परीक्षा के निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से संपन्न करवाने को लेकर भिवानी शहर में बनाए गए विभिन्न परीक्षा केंद्रों का औचक निरीक्षण किया।
नारनौल में सीईटी परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न