साइबर ठगों को खाता उपलब्ध कराने का आरोपी काबू
नारनौल, 19 जून (हप्र)
स्थानीय साइबर थाना की टीम ने साइबर ठगों को खाता उपलब्ध कराने के आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिसकी पहचान प्रशांत वासी कुलताजपुर के रूप में हुई है। आरोपित से पूछताछ में पुलिस ने पता लगाया कि आरोपित ने खाता साइबर ठगों को दिया था। आरोपित को न्यायालय में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। साइबर थाना की पुलिस टीम द्वारा खाताधारक सचिन वासी ताजपुर अटेली को पहले गिरफ्तार किया गया था। आरोपी के खाते में साइबर ठगी की काफी राशि का ट्रांजेक्शन हुआ था। आरोपी के खाते के खिलाफ साइबर ठगी की काफी शिकायतें थी। साइबर थाना की टीम ने एक्सिस बैंक लिमिटेड नारनौल शाखा के शाखा प्रमुख राजीव कुमार की शिकायत पर मामला दर्ज किया।
शाखा प्रमुख ने बताया कि उनकी ब्रांच के खाताधारक सचिन का बचत खाता सितंबर 2024 से नारनौल शाखा में खोला गया था। बैंक की आंतरिक टीम ने सचिन के खाते में लेनदेन की संदिग्ध प्रकृति के बारे में एक अलर्ट की पहचान की और पाया कि यूपीआई और आईएमपीएस के माध्यम से असामान्य रूप से लगातार रुपए क्रेडिट हो रहे थे, उसके बाद एटीएम निकासी और अलग-अलग व्यक्तियों के खाते में आईएमपीएस ट्रांसफर के माध्यम से डेबिट हो रहे थे। आंतरिक जांच से पता चला शाखा ने फील्ड सत्यापन और ईडीडी नकारात्मक की सूचना दी थी क्योंकि ग्राहक का पंजीकृत एड्रेस पता लगाने योग्य था, लेकिन ग्राहक क्षेत्र के दौरे के समय उल्लेखित पते पर नहीं मिला। खाते में लेनदेन ग्राहक के प्रोफाइल के अनुरूप नहीं थे और धन के स्रोत की पुष्टि नहीं की जा सकी। सचिन के खाते में लेनदेन के पैटर्न और नकारात्मक ईडीडी निष्कर्षों के आधार पर यह पाया गया कि सचिन के खाते का इस्तेमाल धोखाधड़ी वाले लेनदेन में प्रयोग करने के लिए किया गया था। इसलिए सचिन पर अन्य अज्ञात लोगों के साथ धोखाधड़ी में शामिल होने का संदेह है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।
घर बैठे लाखों कमाने का झांसा देकर खाते से उड़ाए सवा लाख
रेवाड़ी (हप्र) :
घर बैठे लाखों रुपये कमाने का झांसा देकर कोसली रेलवे स्टेशन के पास रहने वाले युवक अनुराग के खाते से साइबर ठगों ने सवा लाख रुपये निकाल लिये। साइबर थाना पुलिस को दी शिकायत में अनुराग ने कहा कि उसे मोबाइल फोन पर एक मैसेज मिला। जिसमें घर बैठे लाखों रुपये कमाने का लालच दिया। वह उनके झांसे में आ गया। ठगों ने पहले उसके खाते में 150-150 रुपये डालकर विश्वास जीता। इसके बाद उनका असली चेहरा सामने आया और वे उससे अलग-अलग समय पर अपने खातों में रुपये ट्रांसफर कराते रहे। उसने कुल 1.26 लाख रुपये जमा करवा दिये। जब उसने ठगों से संपर्क किया तो पता चला कि उसके साथ फ्रॉड हुआ है। जांचकर्ता पुलिस अधिकारी अनिल ने कहा कि अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।