थार मालिक का हरियाणा DGP को लीगल नोटिस, कहा- शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा
Haryana DGP Thar Statement: गुरुग्राम के एक थार मालिक ने हरियाणा पुलिस महानिदेशक (DGP) ओपी सिंह को लीगल नोटिस भेजा है। दरअसल, हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में DGP ने महिंद्रा थार और रॉयल एनफील्ड बुलेट चालकों को “क्रेज़ी”...
Haryana DGP Thar Statement: गुरुग्राम के एक थार मालिक ने हरियाणा पुलिस महानिदेशक (DGP) ओपी सिंह को लीगल नोटिस भेजा है। दरअसल, हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में DGP ने महिंद्रा थार और रॉयल एनफील्ड बुलेट चालकों को “क्रेज़ी” और “शरारती प्रवृत्ति वाला” कहकर संबोधित किया था।
सेक्टर 102 निवासी सर्वो मिटर ने अपने वकील के माध्यम से भेजे नोटिस में DGP से बिना शर्त लिखित माफी और 15 दिनों के भीतर सार्वजनिक रूप से बयान वापस लेने की मांग की है। ऐसा न होने पर उन्होंने मानहानि का केस दर्ज कराने की चेतावनी दी है।
क्या कहा था DGP ओपी सिंह ने?
8 नवंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में DGP ने कहा था कि पुलिस अक्सर थार SUVs और रॉयल एनफील्ड बुलेट को इसलिए रोकती है क्योंकि इन्हें लापरवाही से चलाने, स्टंट या अवैध गतिविधियों में इस्तेमाल किए जाने की घटनाएं बढ़ी हैं। उन्होंने यह भी कहा था, “अगर यह थार है, तो हम इसे कैसे जाने दें? सभी शरारती लोग इन्हीं दो गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं… जो थार चलाता है वह तो क्रेज़ी ही होगा।” DGP ने एक दुर्घटना का उदाहरण देते हुए कहा था कि एक ACP के बेटे की थार से हुई दुर्घटना में जान भी गई थी।
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सर्वो बोले, सम्मान और प्रतिष्ठा को ठेस
सर्वो मिटर ने जनवरी 2023 में 30 लाख रुपये से ज़्यादा खर्च कर अपनी थार खरीदी थी। नोटिस में कहा गया है कि DGP के वक्तव्य “अपमानजनक, तथ्यहीन और उपहासपूर्ण” हैं। वायरल वीडियो के बाद मिटर के मित्रों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने उनसे सवाल किए, जिससे उन्हें मानसिक तनाव और सामाजिक शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। नोटिस में तर्क दिया गया है कि एक DGP की टिप्पणी का प्रभाव व्यापक होता है और इससे थार मालिकों की प्रतिष्ठा को “गंभीर क्षति” पहुंची है।
गुल पनाग ने थार और बुलेट समुदाय का बचाव किया
एक्ट्रेस और ऑटो प्रेमी गुल पनाग ने भी DGP की टिप्पणी की आलोचना की। उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा, “थार और बुलेट दोनों ही प्रतिष्ठित भारतीय ब्रांड हैं। वाहन के आधार पर लोगों को स्टिरियोटाइप करना सड़क सुरक्षा नहीं बढ़ाता।”
उन्होंने कहा कि बेहतर कानून व्यवस्था मजबूत सिस्टम पर निर्भर करती है, न कि नागरिकों को उनके वाहन की पसंद के आधार पर आंकने पर। यह विवाद अब सोशल मीडिया पर भी तेजी से चर्चा का विषय बना हुआ है।

