हसनपुर चौक का नाम दो महापुरुषों के नाम पर रखने को लेकर बढ़ा तनाव
राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित हसनपुर चौक का नाम दो अलग-अलग महापुरुषों भगवान विश्वकर्मा और भगवान परशुराम के नाम पर रखने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। चौक के नामकरण को लेकर ब्राह्मण समाज और मैथिल समाज के बीच मतभेद...
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राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित हसनपुर चौक का नाम दो अलग-अलग महापुरुषों भगवान विश्वकर्मा और भगवान परशुराम के नाम पर रखने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। चौक के नामकरण को लेकर ब्राह्मण समाज और मैथिल समाज के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं।ब्राह्मण समाज के नागरिकों ने हाल ही में चौक का नाम भगवान परशुराम चौक रखे जाने की मांग करते हुए वहां बैनर लगा दिए हैं। उनका कहना है कि भगवान परशुराम के आदर्शों से समाज को प्रेरणा मिलती है, इसलिए चौक का नाम उनके नाम पर होना चाहिए। दूसरी ओर, मैथिल समाज के लोगों ने भी उसी चौक पर भगवान विश्वकर्मा चौक के बैनर लगाकर विरोध जताया है।
उनका दावा है कि यह चौक पहले से ही विश्वकर्मा चौक के नाम से जाना जाता है और वे इस नाम को बदलने के पक्ष में नहीं हैं। प्रशासन की ओर से अभी तक किसी भी महापुरुष के नाम पर चौक का नामकरण करने की अनुमति नहीं दी गई है। बावजूद इसके, दोनों समाजों द्वारा अपने-अपने आराध्य के नाम से बैनर लगाए जाने से क्षेत्र में माहौल गर्म हो गया है।
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उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर किसी भी प्रकार के बैनर लगाने पर पाबंदी है, फिर भी दोनों समुदायों ने नियमों की अनदेखी की है। संभावित विवाद को देखते हुए होडल प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है। सूत्रों के अनुसार, विवाद से बचने के लिए प्रशासन फिलहाल चौक का नाम हसनपुर चौक ही रहने देने के पक्ष में है। इस मामले में एसडीएम बलीना से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका फोन नहीं उठने के कारण बात नहीं हो सकी।
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