गांव-शहरों में सजी तीज की चौपालें, झूले-मेहंदी और मंगलगीतों की बहार
कैबिनेट मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा है कि तीज केवल पर्व नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत और नारी शक्ति के सम्मान का प्रतीक है। यह पर्व प्रेम, सौहार्द और लोकसंस्कृति से जुड़ा है। हरियाणा सरकार द्वारा गांवों में शुरू किए जा रहे सांस्कृतिक केंद्र ग्रामीण महिलाओं को रचनात्मक मंच देंगे, जहां वे पारंपरिक गीत, भजन और सांस्कृतिक गतिविधियों में भागीदारी निभा सकेंगी।
सोमवार को जिला परिषद सभागार में आयोजित जिला स्तरीय तीज महोत्सव में मंत्री ने जिले के 10 गांवों में तैयार किए गए सांस्कृतिक केंद्रों का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उनकी धर्मपत्नी रीटा शर्मा भी मौजूद थीं। उन्होंने बताया कि सोनीपत जिले के कुल 30 गांवों में ऐसे केंद्र बनाए जा रहे हैं, जिनमें से 10 केंद्रों का काम पूरा हो चुका है। इनमें से 5 केंद्रों का संचालन महिला स्वयं सहायता समूहों को सौंपा गया है।
मंत्री ने कहा कि ये केंद्र ग्रामीण महिलाओं की सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक भागीदारी को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल हैं। कार्यक्रम में विधायक निखिल मदान, मेयर राजीव जैन, डीसी सुशील सारवान, भाजपा जिलाध्यक्ष बिजेंद्र मलिक और जिला परिषद चेयरपर्सन मोनिका दहिया सहित कई अधिकारी व गणमान्य लोग मौजूद रहे।
सरकार की ओर से एक हजार स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को कोथली दी गई। वहीं हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत सर्वश्रेष्ठ समूहों को सम्मानित किया गया। पहला पुरस्कार (1 लाख रुपये) : धनाना गांव की एकता महिला समूह] दूसरा पुरस्कार (50 हजार रुपये) : जैनपुर की नारी महिला समूह
तीसरा पुरस्कार (25 हजार रुपये) : जाजी गांव की शेरावाली महिला समूह को मिला।
पहली ग्राम दुकान की चाबी सौंपी
नाबार्ड के सहयोग से शुरू की गई जिले की पहली ग्राम दुकान की चाबी एकता महिला कलस्टर फेडरेशन को सौंपी गई। यह दुकान ककरोई चौक पर खोली गई है, जहां स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पाद बेचे जाएंगे।
गांवों की महिलाएं बदल रही हैं प्रदेश की तस्वीर : विपुल गोयल
रेवाड़ी, 28 जुलाई (हप्र)
केएलपी कॉलेज ऑडिटोरियम सोमवार को उत्साह, रंगों और आत्मविश्वास का मंच बना। अवसर था ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम का, जहां आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करती महिलाओं ने परंपरा, प्रतिभा और प्रगति का अनोखा संगम प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में नगर निकाय एवं राजस्व मंत्री विपुल गोयल ने जिले के 10 गांवों पावटी, पीथड़ावास, बवाना गुज्जर, धामलावास, कुंडल, जाहिदपुर, मालाहेड़ा, नारायणपुर, गोकलगढ़ और बुडानी में महिला सांस्कृतिक केंद्रों और साझा बाजारों का डिजिटल उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा की 70 हज़ार से अधिक महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजीएस) सामाजिक और आर्थिक बदलाव की धुरी बन चुकी हैं। यह सिर्फ आंकड़ा नहीं, गांवों की बदलती तस्वीर का प्रमाण है।
कार्यक्रम में शिव, बाबा रूपदास और प्रजापति महिला समूहों को क्रमशः 1 लाख रुपये, 50 हजार रुपये और 25 हजार रुपये का नकद सम्मान प्रदान किया गया, जबकि दो अन्य समूहों को 68 लाख रुपये और 6.89 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता के चेक सौंपे गए। प्रदर्शनी में ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों की प्रदर्शनी ने भी सभी का ध्यान खींचा।
मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि इन महिला समूहों को केवल आर्थिक सहयोग नहीं, बल्कि विपणन, प्रशिक्षण और सम्मान का पूरा आधार मिल रहा है। यह नया हरियाणा, नई महिला शक्ति का उदाहरण है। कार्यक्रम में विधायक लक्ष्मण सिंह यादव, डॉ. कृष्ण कुमार, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. वंदना पोपली, उपायुक्त अभिषेक मीणा, एडीसी राहुल मोदी व अन्य गणमान्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
अफसरों को दी चेतावनी
शहरी स्थानीय निकाय एवं राजस्व मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि परिवेदना समिति की बैठक का उद्देश्य तभी सार्थक है जब शिकायतों का समय पर समाधान हो। उन्होंने चेतावनी दी कि कोताही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। बैठक में 13 में से 8 परिवादों का मौके पर निपटारा हुआ, जबकि शेष मामलों पर रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी।
महिलाओं को मंच, युवाओं को दिशा देगा सांस्कृतिक केंद्र : श्याम सिंह राणा
झज्जर, 28 जुलाई (हप्र)
झज्जर की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान को नई उड़ान देने की दिशा में एक अहम पहल की गई है। हरियाणा के कला एवं सांस्कृतिक कार्य मंत्री श्याम सिंह राणा ने शनिवार को हाउसिंग बोर्ड सेक्टर-6 में बहुउद्देश्यीय महिला सांस्कृतिक केंद्र, ओपन एयर थिएटर, आर्ट गैलरी और डिजिटल पुस्तकालय का शिलान्यास किया। यह केंद्र महिलाओं को रचनात्मक मंच और युवाओं को सांस्कृतिक दिशा देगा।श्याम सिंह राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार हर जिले में सांस्कृतिक पुनर्जागरण को बढ़ावा दे रही है। झज्जर में बनने वाला यह सांस्कृतिक केंद्र नारी सशक्तिकरण, कला, साहित्य और लोक परंपरा के संरक्षण का जीवंत उदाहरण होगा। उन्होंने कहा कि यह स्थान सिर्फ एक भवन नहीं, बल्कि विचारों, कल्पनाओं और संभावनाओं का मंच होगा।उन्होंने कहा कि यह केंद्र विशेष रूप से महिलाओं के लिए तैयार किया जा रहा है, जहां वे नृत्य, संगीत, नाटक, योग, चित्रकला, सिलाई-कढ़ाई, पाक-कला, मेकअप आर्ट और ब्यूटीकल्चर जैसी गतिविधियों में भाग लेंगी। साथ ही युवाओं के लिए डिजिटल लाइब्रेरी, ओपन एयर थिएटर और आर्ट गैलरी उन्हें आधुनिकता के साथ परंपरा से जोड़ेंगे।राणा ने निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महिला सांस्कृतिक केंद्र केवल कार्यक्रमों का स्थल नहीं होगा, बल्कि सामाजिक संवाद और रचनात्मक विचारों की प्रयोगशाला बनेगा।शिलान्यास कार्यक्रम में उपायुक्त कैप्टन शक्ति सिंह, नगराधीश हिमांशु गुप्ता, हरियाणा कला परिषद के उपाध्यक्ष अशोक बूरा, जिला परिषद चेयरपर्सन सविता मलिक, नगर परिषद अध्यक्ष राकेश शेखावत, भाजपा जिलाध्यक्ष राजकुमार सैनी आदि मौजूद थे।
हरियाणा का चेहरा बदलेगा केंद्र
मंत्री ने कहा कि यह केंद्र उस हरियाणा का चेहरा बनेगा, जिसमें महिलाएं केवल दर्शक नहीं, बल्कि सामाजिक नेतृत्व की ध्वजवाहक होंगी। हम चाहते हैं कि यहां से निकलने वाली सांस्कृतिक ऊर्जा पूरे प्रदेश को प्रेरित करे।