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सूरजकुंड मेला : पंजाबी रैप सिंगर परमीश वर्मा के गीतों पर झूमे दर्शक

राजेश शर्मा/हप्र फरीदाबाद, 11 फरवरी नि राहे.राहे जान वालिए... तेरी टोर ने पटे मुटियारे नी..ए चैक कर मित्रा दीं बिल्लो सरदारी चैक कर, मितरां दा नाम बदनाम बिना गल तों, जैसे मदमस्त कर देने वाले पंजाबी गीतों की सुरीली सांझ...
फरीदाबाद : सूरजकुंड मेले की चौपाल पर मंगलवार को प्रस्तुति देती महिला कलाकार। -हप्र
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राजेश शर्मा/हप्र

फरीदाबाद, 11 फरवरी

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नि राहे.राहे जान वालिए... तेरी टोर ने पटे मुटियारे नी..ए चैक कर मित्रा दीं बिल्लो सरदारी चैक कर, मितरां दा नाम बदनाम बिना गल तों, जैसे मदमस्त कर देने वाले पंजाबी गीतों की सुरीली सांझ के साथ विख्यात पंजाबी गायक परमीश वर्मा ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। युवा ही नहीं, प्रौढ़ आयु के श्रोता भी उनके पंजाबी ट्रैक पर झूम उठे।

सूरजकुंड में चल रहे 38वें अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले में रोजाना सांस्कृतिक संध्या देशी-विदेशी पर्यटकों को अनायास ही आकर्षित कर रही है। हरियाणा सरकार में कला एवं सांस्कृतिक विभाग और पर्यटन निगम के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रख्यात रैपर परमीश वर्मा ने युवाओं को अपने सुरीले गीतों के साथ खूब नचाया। सिंगर लाडी ने भी उनका बखूबी साथ दिया। शो के दौरान परमीश वर्मा ने भी मंच से नीचे उतरकर अपने कुछ फैन के साथ सेल्फी खिंचवाई।

इस अवसर पर हरियाणा पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक डाॅ. सुनील कुमार, महाप्रबंधक आशुतोष राजन सहित आला अधिकारी मौजूद रहे।

खुद को भाग्यशाली मान रहे विदेशी कारोबारी

थाईलैंड से आए थाई डीडी ग्रुप ने मेले में स्टॉल लगाए जाने से लेकर फ्री आवासीस सुविधाएं दिए जाने पर हरियाणा सरकार के प्रति कृतज्ञता प्रकट की है। हरियाणवी चौपाल के समीप एफसी 34 नंबर स्टाल पर थाईलैंड का शृंगार सामान खरीदने के लिए महिलाओं की भीड़ उमड़ रही है। यहां सुंदर-सुंदर ईयररिंग, हेयर क्लिप, रंग-बिरंगे हेयर बैंड, ब्रासलेट, लेडिज बैग, पर्स, हैट्र फोन चार्म, चेन, टी.शर्ट, खिलौने, मोबाइल कवर, अंगूठी आदि उत्पाद बेचे जा रहे हैं। बैंकाक व थाईलैंड के शहर चिआंग माई से आए 15 सदस्यीय समूह के सदस्यों कैमिम, ब्रेम्दा, जेनिफर आदि ने बताया कि भारत के अलावा उन्होंने तुर्की, चीन, वियतनाम और अफगानिस्तान में भी अपनी स्टॉल लगा चुके हैं। सूरजकुंड में उनका आना पांचवी बार हुआ है। उनका कहना है कि जितना आनंद एवं सुकून उन्हें यहां आकर मिलता है उतना और कहीं नहीं मिलता। कैमिम ने बताया कि वे लोग थाई डीडी के नाम से अपना समूह चलाते हैं।

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