‘सुपर 30’ मॉडल से उभरेगा श्रेष्ठ बैडमिंटन टैलेंट : देवेंद्र
बैडमिंटन से जुड़ी खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने के लिए गुड़गांव बैडमिंटन एसोसिएशन की बैठक संपन्न
खेलों में श्रेष्ठता की मिसाल बन चुका हरियाणा अब बैडमिंटन के क्षेत्र में भी एक सशक्त और संगठित बदलाव की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसी क्रम में बुधवार को गुड़गांव बैडमिंटन एसोसिएशन की एक उच्चस्तरीय बैठक संपन्न हुई, जिसमें गुरुग्राम को बैडमिंटन का मॉडल ज़िला बनाने की दिशा में कई अहम निर्णय लिए गए।
पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में आयोजित यह बैठक एसोसिएशन के प्रधान रिटायर्ड आईएएस अधिकारी देवेंद्र सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस दौरान देवेंद्र सिंह ने कहा कि बैडमिंटन खेल में पीवी सिंधू तथा सायना नेहवाल के बाद खिलाड़ियों की नई जेनरेशन तैयार करने लिए एसोसिएशन पूरी गंभीरता से आगे बढ़ रही है।
एसोसिएशन का मानना है इस पुनीत कार्य में निजी क्षेत्र, विशेष रूप से कॉरपोरेट संस्थान, आगे आएं और खेल प्रतिभाओं को संवारने में भागीदारी निभाएं। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक मॉडल ‘सुपर 30’ की तर्ज पर ‘बैडमिंटन सुपर 30’ कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
इस विशेष प्रशिक्षण योजना के तहत जिले के 30 प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को चयनित कर उन्हें उच्च स्तरीय कोचिंग, पोषण, फिटनेस ट्रेनिंग, मानसिक मजबूती के सत्र और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स का एक्सपोजर प्रदान किया जाएगा। इस योजना को कॉरपोरेट-सहयोग मॉडल के तहत लागू किया जाएगा।
गुरुग्राम बनेगा ‘मॉडल बैडमिंटन सिटी’
बैठक में बैडमिंटन से जुड़ी एकेडमियों को मान्यता देने पर भी विस्तृत चर्चा की गई, जिसके अनुसार गुरुग्राम को बैडमिंटन के लिए एक मॉडल शहर के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके तहत निजी बैडमिंटन एकेडमियों को मान्यता प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस मान्यता प्रणाली में स्टार रेटिंग के तहत कोचिंग की गुणवत्ता, प्रशिक्षकों की योग्यता, उपलब्ध आधारभूत ढांचा, खिलाड़ियों के प्रदर्शन व उपलब्धियां जैसे महत्वपूर्ण मानकों को शामिल किया जाएगा। इस संदर्भ में गुड़गांव बैडमिंटन एसोसिएशन ने सभी निजी अकादमियों से 10 सितंबर 2025 तक सुझाव आमंत्रित किए हैं।
कॉरपोरेट बैडमिंटन लीग के आयोजन पर चर्चा
बैठक के दौरान कॉरपोरेट बैडमिंटन लीग के आयोजन को लेकर भी विस्तृत चर्चा की गई। इस लीग में कॉरपोरेट कंपनियाँ अपनी-अपनी टीमों के साथ भाग लेंगी, जिससे खेल का उत्साह कार्यक्षेत्रों में फैलेगा और खिलाड़ियों को बेहतर आर्थिक व व्यावसायिक सहयोग मिल सकेगा।