मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

विद्यार्थियों ने बिखरे लोक संस्कृति के रंग

चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय में युवा महोत्सव का दूसरा दिन
भिवानी में शनिवार को युवा महोत्सव में नाटक का मंचन करते विद्यार्थी। -हप्र
Advertisement

चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय में युवा महोत्सव ‘उत्कर्ष-2025’ के दूसरे दिन शनिवार को विभिन्न महाविद्यालयों एवं विभागों के विद्यार्थियाें ने पारंपरिक परिधानों, रचनात्मक वेशभूषा और कलात्मक शैली से अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। शनिवार को मुख्य रूप से नृत्य, नाटक, वाद-विवाद, कला एंव संगीत से जुड़ी प्रतियोगिताएं हुईं। इस अवसर पर हिंदी एकांकी नाटक, एकल हरियाणवी नृत्य, मिमिक्री, माइम, लोक-नृत्य तथा हरियाणवी ऑर्केस्ट्रा की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। प्रथम प्रस्तुति हिन्दी एकांकी ‘बलि’ की हुई जिसमें सामाजिक कुप्रथा बलि के दुष्परिणाम पर प्रकाश डाला। मानवीय संवेदना पर आधारित इस नाटक के माध्यम से प्रस्तुति करने वाले छात्रों ने भाव विभोर कर दिया। कठपुतली नाटक के माध्यम से समाज में स्त्री-पुरूष संबंधों में अविश्वास की भावना से दाम्पेयत्तर संबंधों के दुष्परिणाम पर प्रकाश डाला जो वर्तमान की ज्वलंत समस्या है। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने शास्त्रीय, उपशास्त्रीय, लोक एवं आधुनिक संगीत शैलियों में अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुतियां दीं। दूसरे मंच पर वेस्टर्न वोकल (एकल), वेस्टर्न इंस्ट्रुमेंटल (एकल), वेस्टर्न ग्रुप सॉन्ग तथा लाइट म्यूजिक जैसे गजल, गीत और भजन प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जिनमें लगभग 12 एकल प्रतिभागियों और 11 टीमों ने भाग लिया। साहित्यिक प्रतियोगिताओं ने विशेष आकर्षण बनाया। कौशल आधारित शिक्षा के युग में पारंपरिक डिग्रियों का महत्व कम हो रहा है इस विषय पर हिंदी व अंग्रेजी वाद-विवाद प्रतियोगिता में 22 टीमों ने भाग लिया। काव्य-पाठ में 12 प्रतिभागियों ने शानदार प्रस्तुति दी, वहीं उर्दू एवं पंजाबी काव्य-पाठ में क्रमश: 12 एवं 9 टीमों ने हिस्सा लिया। पोस्टर मेकिंग, कोलाज मेकिंग और रंगोली प्रतियोगिताएं हुईं, जिनमें विभिन्न कॉलेजों की 50 से अधिक टीमों ने भाग लेकर अपनी रचनात्मकता का शानदार प्रदर्शन किया।

 

Advertisement

 

Advertisement
Show comments