छात्र प्रदीप उर्फ ‘मोटा’ दो वर्ष के लिए मदवि से निष्कासित
गमला फैक्ट्री प्रकरण में कुलपति आवास में 19 सितंबर को कथित जबरन प्रवेश और अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) ने व्यापक प्रशासनिक कार्रवाई की है। विश्वविद्यालय ने प्रॉक्टोरियल बोर्ड की संस्तुति पर तथाकथित यू-ट्यूबर एवं बाहरी व्यक्ति लवकुश दहिया का एमडीयू परिसर में प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया है।
इसी प्रकरण में अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विभाग के जर्मन सर्टिफिकेट कोर्स के छात्र प्रदीप उर्फ ‘मोटा’ को दो वर्ष के लिए विश्वविद्यालय व विभाग से निष्कासित किया गया है। आदेश के तहत उन्हें विश्वविद्यालय की सभी सुविधाओं—पुस्तकालय, हॉस्टल, संकाय, भोजनालय से तत्काल प्रभाव से बाहर कर दिया गया है और दो वर्षों तक परिसर में प्रवेश भी वर्जित रहेगा। जबकि शारीरिक शिक्षा विभाग के छात्रों धीरज अहलावत, युद्धवीर बड़सरा तथा रक्षा एवं सामरिक अध्ययन विभाग के छात्रों हिमांशु व कपिल देव को घटना में संलिप्त पाए जाने पर कड़ी चेतावनी दी गई है। उन्हें स्वयं और माता-पिता के संयुक्त नाम से प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट से सत्यापित अच्छे आचरण का शपथ-पत्र जमा कराने तक कक्षाओं व परीक्षाओं में शामिल होने से रोक दिया गया है। भविष्य में किसी भी अवांछित गतिविधि में पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। इसके अलावा इस प्रकरण से जुड़े 6 अन्य छात्रों को भी औपचारिक चेतावनी जारी की गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा है कि ये छात्र पिछले कुछ समय से शैक्षणिक वातावरण को प्रभावित कर रहे थे और विश्वविद्यालय अनुशासन एवं सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा। एमडीयू ने स्पष्ट किया कि संस्थान भारतीय संस्कृति, नैतिक मूल्यों और विधिक प्रावधानों के अनुरूप सुरक्षित एवं सकारात्मक वातावरण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है तथा अनुशासनहीनता सहन नहीं की जाएगी।
