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स्टाफ नर्स को नहीं पूरी जानकारी, एमरजेंसी वार्ड पड़ रहा छोटा

जींद सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग को मिलीं कई खामियां
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जींद में शुक्रवार को सिविल अस्पताल में चिकित्सा सुविधाओं को जांचते स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक डॉ. वीरेंद्र यादव और उनकी टीम। -हप्र
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जींद के सिविल अस्पताल की लैब के कई एलटी को हाथ धोने नहीं आते, तो कई स्टाफ नर्स को अपने काम की पूरी जानकारी नहीं। एमरजेंसी वार्ड बहुत तंग है, तो ब्लड बैंक का ग्लो साइन बोर्ड जलता नहीं। सिविल अस्पताल में पंखों की कमी है, जगह-जगह पोस्टर चिपके हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय की टीम ने जांच के दौरान यह तथ्य पाए हैं। इस पर टीम ने नाराजगी जाहिर की। अस्पताल में दूसरी कुछ और व्यवस्थाओं से भी स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक डॉ. वीरेंद्र यादव और उनकी टीम संतुष्ट नहीं। टीम ने व्यवस्थाओं में सुधार के कई सुझाव और निर्देश जींद के स्वास्थ्य विभाग को दिए हैं।

इसके अलावा मुख्यालय की टीम ने शुक्रवार को हैबतपुर गांव में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज का भी दौरा किया। मेडिकल कॉलेज में ओपीडी सेवाएं 1 अगस्त की जगह 26 अगस्त से शुरू होंगी। स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक डॉ. वीरेंद्र यादव के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय से एक टीम बुधवार से जींद में सरकारी चिकित्सा संस्थानों में मरीजों के लिए उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं की पड़ताल कर रही है। इसमें फील्ड में कई जगह टीम को अनेक खामियां मिलीं। शुक्रवार सुबह डॉ. वीरेंद्र यादव की टीम जींद के सिविल अस्पताल पहुंची। टीम ने सबसे पहले सिविल अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड का निरीक्षण किया।

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एमरजेंसी वार्ड भरा था खचाखच

निरीक्षण के दौरान टीम को एमरजेंसी वार्ड मरीजों से खचाखच भरा हुआ मिला। इसे लेकर डॉ. वीरेंद्र यादव ने सिविल अस्पताल प्रशासन से जवाबतलब किया। साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि सिविल अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड को 20 बेड का और विस्तार दिया जाए। अस्पताल में पुराने मरीजों और नए मरीजों की ओपीडी स्लिप एक ही लाइन में बनाए जाने को टीम ने गलत बताते हुए दोनों के लिए अलग-अलग लाइन लगवाई। सिविल अस्पताल में इंडोर मरीजों की पुरानी फाइलों को नकारते हुए डॉ. वीरेंद्र यादव ने कहा कि अस्पताल में दाखिल मरीजों के लिए आधुनिक और नई फाइल लगाई जाएं। अस्पताल के रिकॉर्ड को टीम ने अपनी जांच में सही पाया। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ सुमन कोहली, डिप्टी सिविल सर्जन डॉ पालेराम कटारिया, डॉ आरएस पूनिया, डॉ रमेश पांचाल, डॉ अरुण, डॉ राजेश भोला, डॉ रवि राणा आदि भी टीम के साथ मौजूद रहे।

अब 1 की बजाय 26 अगस्त से ओपीडी

टीम सिविल अस्पताल के निरीक्षण के बाद जींद के हैबतपुर गांव में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज पहुंची। जींद के बीजेपी विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ कृष्ण मिड्ढा भी टीम के साथ थे। यहां टीम ने मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य की प्रगति को देखा। इसमें और तेजी लाने के निर्देश निर्माण एजेंसी को दिए गए। यहां यह उल्लेखनीय है कि जींद के भाजपा विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ कृष्ण मिड्ढा निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज में 1 अगस्त से ओपीडी सेवाएं शुरू करवाने का दावा कर चुके हैं, जबकि मेडिकल कॉलेज अभी इसके लिए तैयार नहीं लग रहा। इसे देखते हुए अब निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज में ओपीडी सेवाएं 26 अगस्त से शुरू करवाने का फैसला हुआ।

आज डीजी हेल्थ चेक करेंगे

हरियाणा के स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक डॉ मनीष बंसल शनिवार को जींद में स्वास्थ्य विभाग के होमवर्क को खुद चेक करेंगे। उन्होंने जींद जिले के स्वास्थ्य विभाग के तमाम अधिकारियों की बैठक शनिवार को बुलाई है। इस बैठक में वह जींद में स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय से आई लगभग 20 लोगों की कई टीमों की जांच रिपोर्ट पर जींद के स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों के साथ चर्चा करेंगे। टीम ने जींद में सरकारी चिकित्सा सेवाओं में कई तरह की खामियां पाई हैं। इन खामियों पर स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक जींद के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से जवाब मांगेंगे।

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