राजयोग, विपश्यना और तपस्या जैसी आध्यात्मिक परंपराएं देश को बना रहीं विश्व गुरु : राधाकृष्णन
भारत के उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि भारत के ऋषियों, मुनियों और तपस्वियों की साधना ने विश्व को ध्यान, आत्मबल और सत्य के मार्ग पर अग्रसर किया है। राजयोग, विपश्यना और तपस्या जैसी समृद्ध आध्यात्मिक परंपराएं आज भारत को विश्व गुरु बना रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के संकल्प में भी यही आध्यात्मिक शक्ति राष्ट्र का मार्गदर्शन कर रही है।
उपराष्ट्रपति रविवार को गुरुग्राम जिला के बहोड़ा कलां में स्थित ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ओम शांति रिट्रीट सेंटर के रजत जयंती वर्ष के शुभारंभ अवसर पर ‘शुभारंभ - रश्मियां’ कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उप राष्ट्रपति ने इस अवसर पर ओम शांति संस्थान के रजत रश्मियों के नाम से मनाए जाने वाले रजत जयंती वर्ष का शुभारंभ किया। उप राष्ट्रपति के हरियाणा आगमन पर उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने उनका स्वागत किया।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज के ज्यूरिस्ट विंग की अध्यक्ष राजयोगिनी बीके पुष्पा, ओम शांति रिट्रीट सेंटर निदेशक राजयोगिनी बीके आशा, क्षेत्रीय समन्वयक अफ्रीका राजयोगिनी बीके वेदांती, माउंट आबू से महासचिव राजयोग बीके करुणा, ओम शांति रिट्रीट सेंटर, गुरुग्राम निदेशक राजयोगिनी बीके शुक्ला, महिला विंग अध्यक्ष राजयोगिनी बीके चक्रधारी ने उप राष्ट्रपति का अभिनन्दन किया।
