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हरेला पर्व पर विशेष कार्यक्रम, बच्चों को दी हरियाली और पर्यावरण संरक्षण की सीख

फरीदाबाद, 13 जुलाई (हप्र) उत्तराखंड के पारंपरिक लोक पर्व हरेला को राष्ट्रीय पहचान दिलाने और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से अॉल्टरनेटिव डेवेलपमेंट ऑफ हिमालयन रीजन संस्था की ओर से फरीदाबाद में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम...

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फरीदाबाद, 13 जुलाई (हप्र)

उत्तराखंड के पारंपरिक लोक पर्व हरेला को राष्ट्रीय पहचान दिलाने और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से अॉल्टरनेटिव डेवेलपमेंट ऑफ हिमालयन रीजन संस्था की ओर से फरीदाबाद में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। अध्यक्ष महेन्द्र सिंह नेगी ने सभी को शुभकामनाएं दी।

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इसी कड़ी में संस्था से जुड़े सदस्यों ने विभिन समुदायों में जाकर बच्चों को हरियाली, पौधारोपण और प्रकृति संरक्षण के महत्व के बारे में जानकारी दी। बच्चों को न केवल पेड़ों की भूमिका और पर्यावरण संतुलन में उनके योगदान के बारे में बताया गया, बल्कि उन्हें यह भी सिखाया गया कि वे अपने घर में ही बीज बोकर किस प्रकार पौधों की नर्सरी तैयार कर सकते हैं।

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हरेला उत्तराखंड का एक प्रमुख पारंपरिक लोक पर्व है, जिसे श्रावण मास की शुरुआत में विशेष रूप से हरियाली, कृषि और प्रकृति के सम्मान में मनाया जाता है। हरेला शब्द का अर्थ है हरियाली का आगमन। इस दिन लोग विभिन्न प्रकार के बीजों को घरों में बोते हैं और उनके अंकुरित होने पर प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। यह पर्व न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक आस्था से जुड़ा है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की भावना को भी मजबूती प्रदान करता है।

कार्यक्रम के दौरान महासचिव महेश नौडिय़ाल ने बच्चों को विभिन्न पौधों के बीज भी वितरित किए और वरिष्ठ सदस्या सुनीता नौडिय़ाल ने उन्हें उनके रोपण और देखभाल की विधि समझाई गई।

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