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सर्कुलर इकोनॉमी को आगे बढ़ाने में तकनीक के साझे उपयोग की जरूरत

सर्कुलर इकोनॉमी (चक्रीय अर्थव्यवस्था) के लिए एक साझा रास्ता तय करने के उद्देश्य से हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के सहयोग एवं अंतर्राष्ट्रीय सर्कुलर इकोनॉमी परिषद (आइसीसीई) के तत्वावधान में इंडिया सर्कुलर इकोनॉमी फोरम के चौथे संस्करण का बृहस्पतिवार को समापन...
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सर्कुलर इकोनॉमी (चक्रीय अर्थव्यवस्था) के लिए एक साझा रास्ता तय करने के उद्देश्य से हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के सहयोग एवं अंतर्राष्ट्रीय सर्कुलर इकोनॉमी परिषद (आइसीसीई) के तत्वावधान में इंडिया सर्कुलर इकोनॉमी फोरम के चौथे संस्करण का बृहस्पतिवार को समापन हुआ। दो दिवसीय सत्र में हरियाणा सरकार, उद्योग, शिक्षा और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से जुड़े कई प्रमुख प्रतिनिधियों ने शिरकत कर सर्कुलर इकोनॉमी से संबंधित विषयों पर अपने महत्वपूर्ण विचार रखे। दक्षिण-ग्लोबल साउथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस आरआईएस के प्रो. गुलशन सचदेवा ने बताया कि भारत विकासशील देशों में सर्कुलर इकोनॉमी को आगे बढ़ाने में एक अहम भूमिका निभा सकता है। इसके लिए ज्ञान, नीतियों और तकनीक के साझे उपयोग की जरूरत है ताकि सभी देशों को न्यायपूर्ण और टिकाऊ विकास का लाभ मिल सके। आइसीसीई की प्रबंध निदेशक शालिनी गोयल भल्ला ने बताया कि चौथे संस्करण का समापन सत्र विभिन्न विषयों को समर्पित रहा। जिसमें कृषि और खाद्य अपशिष्ट आदि विषयों पर चर्चा में नेस्ले, इंडिया फूड बैंकिंग नेटवर्क और सीईईडब्लूए के विशेषज्ञों ने बताया कि कैसे बेहतर तकनीकों से फसल के बाद के नुकसान और भूख की समस्या को कम किया जा सकता है।

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