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सोसायटी में डर का साया, 12 साल बाद भी बुनियादी सुविधा के लिए संघर्ष

गुरुग्राम की चमक-धमक के पीछे छिपी कड़वी हकीकत एक बार फिर सामने आई है। सेक्टर-59 की पॉश सोसायटी टाटा रैसीना रेजीडेंसी के लगभग 1000 निवासियों की ज़िंदगी एक बुरे सपने में बदल गई है। जहां एक ओर लग्ज़री सुविधाओं के...
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गुरुग्राम की चमक-धमक के पीछे छिपी कड़वी हकीकत एक बार फिर सामने आई है। सेक्टर-59 की पॉश सोसायटी टाटा रैसीना रेजीडेंसी के लगभग 1000 निवासियों की ज़िंदगी एक बुरे सपने में बदल गई है। जहां एक ओर लग्ज़री सुविधाओं के नाम पर भारी कीमत चुकाने वाले ये लोग पिछले 12 सालों से एक अदद सड़क के लिए तरस रहे हैं, वहीं अब पड़ोसी बिल्डरों की मनमानी ने उनकी जान और माल दोनों को खतरे में डाल दिया है।

यह मामला सिर्फ एक सोसायटी का नहीं, बल्कि गुरुग्राम में बेलगाम निर्माण और सरकारी एजेंसियों की लापरवाही का एक जीता-जागता उदाहरण है। टाटा हाउसिंग ने इस सोसायटी को तो बना दिया, लेकिन 12 साल बाद भी टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट द्वारा सड़क न बनाए जाने से यहां के निवासी धूल-धक्कड़ में जीने को मजबूर हैं। लेकिन, मुसीबत यहीं खत्म नहीं हुई। टाटा रैसीना रेजीडेंसी के पड़ोस में, पारस डेवेलपर अपनी एक परियोजना, पारस फ्लोरेट, पर काम कर रहा है। आरोप है कि पारस बिल्डर द्वारा निर्माण के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इसका सबसे भयानक परिणाम कल देखने को मिला, जब टाटा रैसीना रेजीडेंसी की बाउंड्री वॉल ढह गई। निर्माण नियमों का पालन न करने के कारण मिट्टी का कटाव इतना ज़्यादा हुआ कि एक बड़ा भूस्खलन हो गया। इस घटना ने सोसायटी में रहने वाले बुजुर्गों और बच्चों की रातों की नींद छीन ली है। स्थानीय निवासियों और आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष अरविंद दुबे ने बार-बार पारस बिल्डर और टाटा हाउसिंग दोनों से शिकायत की, लेकिन किसी भी बड़े अधिकारी ने उनकी सुध नहीं ली। निवासियों ने कल सेक्टर-65, गुरुग्राम के पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया।

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कोट

मैं हरियाणा सरकार और विशेष रूप से डीटीसीपी से अपील करता हूँ कि इस मामले में हस्तक्षेप करें। यह केवल एक सोसायटी का मामला नहीं है, बल्कि इस बात का संकेत है कि गुरुग्राम में बिल्डरों की मनमानी किस हद तक बढ़ चुकी है। निवासियों को न्याय मिलना चाहिए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।

-अरविंद दुबे, आरडब्ल्यूए अध्यक्ष

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