एसडीएम ने गांवों के हालात का लिया जायजा
हथिनीकुंड बैराज से लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी में बढते जलस्तर को लेकर होडल के हसनपुर में प्रशासनिक अधिकारी पूरी तरह से अलर्ट पर हैं। यमुना नदी में बढ़ते जलस्तर के कारण हसनपुर के समीप खादर क्षेत्र के किसानों की हजारों एकड़ फसल जलमगन हो गई है।
बुधवार को एसडीएम होडल बलिना ने नायब तहसीलदार मोहम्मद खान, गिरदावर राजकुमार, पटवारी दारा सिंह व अन्य कर्मचारियों के साथ गांव माहोली, सतुआगढी, हसनपुर सहित यमुना किनारे गांवों का दौरा किया और नदी के जलस्तर और किसानों की प्रभावित फसलों का जायजा लिया। उन्होंने ग्रामीणों से यमुना नदी के पानी से नष्ट हुई फसल का ई-क्षति पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने को कहा। जिन किसानों की नदी के पानी से फसलें प्रभावित हुई हैं वह आगामी 31 अगस्त तक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। किसानों का आरोप है कि प्रशासन ने यमुना नदी में किनारों और ठोकरों की समय पर मरम्मत नहीं कराई, जिससे पानी आने के बाद भूमि में कटाव शुरू हो गया है। किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि यमुना नदी के किनारे हुए कटाव का स्थायी प्रबंध किया जाए। बता दें कि रविवार को यमुना नदी में हथिनी कुंड बैराज से एक लाख 78 हजार क्यूसेक पानी पानी छोड़े जाने के बाद नदी किनारे लगते क्षेत्र में बाढ़ के हालात बन गए हैं। हसनपुर क्षेत्र के गांव फाटनगर, बली मोहम्मदपुर, मुर्तजाबाद, बिलोचपुर,इंद्रा नगर, काशीपुर, अच्छेजा ,शोरू का नांगला व गांव माहौली के किसानों की लगभग दो हजार एकड़ जमीन पर लगी हुई फसलें नष्ट हो गईं। पीछे से पानी छोड़े जाने के कारण यमुना नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। प्रशासनिक अधिकारी लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्यो जुट गए हैं। लगातार यमुना नदी का दौरा कर रही हैं और बढते जलस्तर का लगातार जायजा ले रही हैं। प्रशासन द्वारा आपात स्थिति से निपटने के लिए स्टीमर व नावों की व्यवस्था भी की गई है।