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होडल में सती मेला कल, तैयारियां जोरों पर

बलराम बंसल/निस होडल, 29 जनवरी भरतपुर के महाराज सूरजमल के सेनापति मानसिंह की पत्नी सती जसकौर की याद में आगामी 31 जनवरी को होडल में आयोजित सती मेले को लेकर तैयारी जोरों पर है। पौराणिक कहानी के अनुसार मानपुर गांव...
होडल में स्थित सती मंदिर छतरी। -निस
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बलराम बंसल/निस

होडल, 29 जनवरी

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भरतपुर के महाराज सूरजमल के सेनापति मानसिंह की पत्नी सती जसकौर की याद में आगामी 31 जनवरी को होडल में आयोजित सती मेले को लेकर तैयारी जोरों पर है। पौराणिक कहानी के अनुसार मानपुर गांव निवासी उदा सिंह की पुत्री जसकौर का विवाह महाराज सूरजमल के सेनापति मानसिंह के साथ हुआ था।

पालड़ी गांव के किसान चौधरी काशीराम की पुत्री किशोरी का विवाह भरतपुर के महाराजा सूरजमल के साथ हुआ था। महारानी किशोरी महाराजा सूरजमल की सबसे प्रिय रानी थी। उन्होंने सूरजमल के साथ अंग्रेजों से जमकर के लोहा लिया था। महारानी किशोरी ने महाराजा सूरजमल के कंधे से कंधा मिलाते हुए दिल्ली में अंग्रेजी सरकार की ईंट से ईंट बजा दी थी। सूरजमल की सेना द्वारा लाल किले पर हमला करने के दौरान लाल किले की मुख्य द्वार पर लोहे की कीलें लगी होने के कारण हाथियों के टक्कर मारने पर हाथी लहुलुहान हो रहे थे और दरवाजा नहीं टूट रहा था। तब महारानी किशोरी ने सेनापति मानसिंह से कहा कि वह अपने आप को ‘भात’ के रूप में दे कर उस दरवाजे के साथ खड़े हो जायें ताकि वह कीलों और हाथियों के बीच हों जिससे दरवाजा तोड़ा जा सके। तब मानसिंह उस दरवाजे पर जाकर के खड़े हो गए और हाथियों की भीषण टक्कर से उनका शरीर लहुलुहान हो गया और उन्होंने अपनी शहादत दे दी। मानसिंह के शहीद हो जाने पर मानपुर की लड़की जसकौर ने सती होने की बात कही पर महाराजा सूरजमल ने उसे रोका। जसकौर ने तब अपने तप से अपने चारों ओर अग्नि प्रकट करके अपने आपको सती कर दिया था। उनका अस्थि कलश रथ मानपुर ले जाने पर वह होडल के पास आ कर रुक गया।

वहां रथ के आगे न बढ़ने पर महाराजा सूरजमल द्वारा यहां ही सती मंदिर व तालाब का निर्माण करावा दिया। जहां पर प्रत्येक साल माईदौज का मेला लगता है, जो कि इस बार 31 जनवरी को लगने के लिए जा रहा है। मानपुर गांव में भी जसकौर का एक मंदिर बनाया हुआ है।

इस मेले में हजारों की संख्या में हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश से नर नारी पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं और माता की पूजा करके उन पर चढ़ने वाले घी को वह अपने साथ ले जाकर के अपनी परिजनों को लगाते हैं।

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