संघर्ष, संयम और समाजसेवा की प्रतीक थीं संतोष वशिष्ठ : रणजीत सिंह चौटाला
लोकतंत्र सेनानी व समाजसेविका संतोष वशिष्ठ के निधन पर भिवानी में सांसद धर्मबीर, रणजीत सिंह चौटाला समेत कई नेताओं ने शोक जताया। चेतना सदन में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में अनेक राजनीतिक व सामाजिक हस्तियों ने उनके संघर्षमय जीवन को याद करते हुए उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
पूर्व मंत्री चौ. रणजीत सिंह चौटाला ने कहा कि स्व. संतोष वशिष्ठ हरियाणा की उन चुनिंदा महिलाओं में से थीं जिन्होंने आपातकाल जैसे कठिन दौर में भी संयम, संस्कार और समाजसेवा का मार्ग नहीं छोड़ा। उन्होंने बताया कि 1972 में जब उनके पिता चौ. देवीलाल ने तोशाम से उपचुनाव लड़ा, तो चेतना सदन के दरवाजे उनके लिए खोले गए। उस समय संतोष वशिष्ठ द्वारा बनाए गए भोजन की सरलता और स्नेह आज भी स्मरणीय है।
प्रेरणादायक व्यक्तित्व थीं संतोष : रणजीत सिंह चौटाला
इस अवसर पर भिवानी-महेन्द्रगढ़ से सांसद चौ. धर्मबीर सिंह ने कहा कि चेतना परिवार ने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में हमेशा अपनी जिम्मेदारी निभाई और आपातकाल के कठिन समय में भी कलम को झुकने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि संतोष वशिष्ठ जैसी व्यक्तित्व प्रेरणादायक होती हैं, जो इतिहास रचती हैं।
भिवानी विधायक घनश्याम सर्राफ ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान चेतना परिवार ने जिस तरह से अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई, उसमें संतोष वशिष्ठ का सहयोग अद्वितीय था। उनका साहस और आदर्श आज की पीढ़ी के लिए मिसाल है।
अजय चौटाला, दिग्रविजय सिंह नंदराम दानिया, कामरेड ओम प्रकाश रणजीत सिंह चौटाला रहे मौजूद
पूर्व सांसद डॉ. अजय चौटाला, जजपा नेता दिग्विजय सिंह, कामरेड ओमप्रकाश और भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष नंदराम धानिया ने भी उनके योगदान को याद करते हुए शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि संतोष वशिष्ठ ने हर परिस्थिति में राष्ट्र और समाज हित को प्राथमिकता दी।
इस अवसर पर अनेक गणमान्य व्यक्ति जैसे कांग्रेस नेता संदीप सिंह, छात्र नेता कमल सिंह, जिला लोक संपर्क अधिकारी सुरेंद्र सिंगल, उद्योगपति केके मोहता सहित कई लोगों ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
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