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संयुक्त किसान मोर्चा ने चौ. छोटूराम की 144 वीं जयंती मनाई

संयुक्त किसान मोर्चा भिवानी ने दीनबंधु रहबरे आजम चौधरी छोटूराम की 144वीं जयंती स्थानीय महम गेट बड़ चौक (वर्तमान चौ. छोटूराम चौक) पर मनाई तथा उनकी आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता किसान सभा ब्लॉक प्रधान संतोष देशवाल...

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भिवानी में सोमवार को चौधरी छोटू राम के चित्र समक्ष नमन करते संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारी। -हप्र
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संयुक्त किसान मोर्चा भिवानी ने दीनबंधु रहबरे आजम चौधरी छोटूराम की 144वीं जयंती स्थानीय महम गेट बड़ चौक (वर्तमान चौ. छोटूराम चौक) पर मनाई तथा उनकी आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता किसान सभा ब्लॉक प्रधान संतोष देशवाल ने की।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए किसान सभा के जिला उपप्रधान कामरेड ओमप्रकाश, सर्व जातीय नेता जय भगवान शर्मा, युवा कल्याण संगठन संरक्षक कमल प्रधान व चौ. छोटूराम मंच के संयोजक विरेंद्र किरोड़ी ने कहा कि चौ. छोटूराम ने 1923 में सर सिकंदर हयात खान व सर फजली हुसैन के साथ मिलकर नेशनल यूनियनिस्ट पार्टी की स्थापना करके संयुक्त पंजाब राज्य में सरकार की स्थापना की थी।

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इस दौरान मंत्री रहते हुए चौ. छोटूराम ने साहुकारा पंजीकरण एकट, किसान की गिरवी जमीनों की मुफ्त वापसी एक्ट, कृषि उत्पाद मंडी एकट, कर्जा माफी एक्ट व व्यवसाय श्रमिक एक्ट-1938 व 1935-40 में पास करवाकर पीडि़त व गुलाम किसान मजदूरों को राहत दिलवाई थी। उनकी पार्टी में हिंदु मुस्लिम व सिक्ख किसानों के हित सुरक्षित करने में उन्होंने सांप्रदायिक सौहार्द व उनकी एकता पर जोर दिया था। उन्होंने हमेशा हर तरह की सांप्रदायिकता का विरोध किया और किसानों को सुदखोरों और हिन्दु मुस्लिम सांप्रदायिक लोगों से सचेत रहकर अपनी एकता बनाए रखने का आह्वान किया।

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किसान विरोधी नीतियां थोंप रही है सरकार : संयुक्त किसान मोर्चा

उन्होंने कहा कि किसान की कोई जाति-धर्म नही होता बल्कि वह अन्नदाता और जनता का पेट पालने वाला है। कामरेड ओम प्रकाश ने कहा कि आज कारपोरेट समर्थित राजग व भाजपा की सरकार किसान मजदूरों के विरोध की नीतियां जनता पर थोप रही है और आजादी व उससे पहले के संघर्षों से प्राप्त अधिकारों को समाप्त करके उनका शोषण करने के स्थायी प्रबन्ध कर रहे है। अंग्रेजों की तरह जाति चर्म के आधार पर फूट डालकर उनकी एकता तोड़ रहे है। ऐसे समय में चौ. छोटूराम व डा. भीमराव अंबेडकर के विचारों की सार्थकता बढ़ गई है।

इस अवसर पर किसान नेता करतार ग्रेवाल , कविता आर्य, जाटू खाप के राज सिंह जताई, दिलबाग ढुल, बलबीर बजाड़, अनूप राठी, नरेन्द्र धनाना, महाबीर फोजी, प्रताप सिंह सिंहमार, सुखबीर सांगवान, राजपाल सांगवान, राजबीर कादियान शामिल रहे।

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