संस्कृति का आधार त्याग, सभ्यता की आत्मा तप : नायब सैनी
गुरु तेग बहादुर के 350वें शहीदी दिवस पर संगीतमय नाटक मंचन
गुरु तेग बहादुर का जीवन हमें संदेश देता है कि अत्याचार चाहे कितना ही बड़ा क्यों न हो, सत्य और धर्म की शक्ति हमेशा उससे अधिक महान होती है। धर्म केवल पूजा करने का नाम नहीं बल्कि सत्य, स्वतंत्रता और मानवीय गरिमा की रक्षा का मार्ग है। गुरु तेग़ बहादुर के 350वें शहीदी दिवस पर बृहस्पतिवार को अपैरल हाऊस में ‘तप से त्याग’ तक संगीतमय नाटक मंचन कार्यक्रम को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने संबोधित किया और यह बात कही। कार्यक्रम कश्मीरी हिंदू प्रकोष्ठ हरियाणा एवं श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। प्रख्यात अभिनेता पद्म भूषण अनुपम खेर मुख्यतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के ओएसडी प्रभलीन सिंह, मुख्यमंत्री के ओएसडी डॉ. राज नेहरू, प्रदेश के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह, पटौदी की विधायक बिमला चौधरी, गुरुग्राम के विधायक मुकेश शर्मा भी मौजूद रहे। आरएमके आर्ट्स फाउंडेशन जम्मू ने विजय धर द्वारा लिखित एवं निर्देशित इस नाटक का शानदार मंचन किया गया। कुलदीप सप्रू ने इस नाटक में संगीत तथा ध्वनि रूपांकन से जीवंतता भर दी।
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि तप से त्याग तक नाटक हमें याद दिलाता है कि हमारी संस्कृति का आधार त्याग है। हमारी सभ्यता की आत्मा तप है। हमारी राष्ट्रीयता की शक्ति सत्य है। यह नाटक विशेषकर युवा पीढ़ी को बताता है कि बलिदान केवल इतिहास का अध्याय नहीं है, बल्कि एक चेतना है, जो राष्ट्र को जीवंत रखती है।
गुरु तेग बहादुर का बलिदान मानव सभ्यता के माथे का तिलक
विख्यात कलाकार अनुपम खेर ने कहा कि गुरु तेग बहादुर का बलिदान केवल सिख इतिहास की धरोहर नहीं, बल्कि संपूर्ण मानव सभ्यता के माथे का तिलक है। गुरु महाराज का त्याग भारतीय अध्यात्म, साहस और मानवता की सर्वोच्च अभिव्यक्ति है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए सदैव प्रेरणा स्रोत रहेगा। अनुपम खेर ने कश्मीरी हिंदू समुदाय की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने कश्मीरी विस्थापितों के दर्द को देश का दर्द बनाया और उनके पुनर्वास के लिए संवेदनशील पहल कीं। इस अवसर पर विश्वकर्मा कौशल विवि के वीसी प्रोफेसर दिनेश कुमार, गुरुग्राम विवि के वीसी प्रोफेसर संजय कौशिक, दादा लख्मी चंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ परफार्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स के वीसी अमित आर्य, डीसी अजय कुमार, सीपी विकास अरोड़ा, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जेटली, एसवीएसयू की कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा, एसडीएम संजीव सिंगला, भाजपा जिला अध्यक्ष सर्वप्रिय त्यागी, सुजाता शाही, पंकज धर, अमित रैना, अजय पंडिता, अंकुश अंबरदार और सतीश कौल मौजूद रहे।
1984 पीड़ित सिख परिवारों के आश्रितों को मिलेगी नौकरी
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार ने 1984 के दंगों में अपने परिजनों को खोने वाले हरियाणा के 121 सिख परिवारों के आश्रित एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान करने का निर्णय लिया है। दिसम्बर 2022 में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति की स्थापना की गई, जिससे प्रदेश के सिख समुदाय को लंबे समय से अपेक्षित स्वायत्तता प्राप्त हुई है। गुरु नानक देवजी की 550वीं जयंती से लेकर गुरु तेग बहादुर के 350वें बलिदान स्मृति वर्ष तक हम तीव्र गति से आगे बढ़ रहे हैं। यह सभी पहल सिख विरासत, गुरु परंपरा और सामुदायिक सम्मान के प्रति हरियाणा सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में सिख विरासत, महापुरुषों के योगदान, गुरु गद्दियों और ऐतिहासिक स्थलों को जो राष्ट्रीय महत्व मिला है, वह हमारी राष्ट्र नीति का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। इसी कड़ी में हरियाणा सरकार द्वारा सिख समुदाय, सिख इतिहास और गुरु परंपरा के सम्मान में उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे हैं। सिरसा स्थित चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में गुरु तेग बहादुर पर शोध के लिए चेयर की स्थापना की गई है। गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक, अंबाला को गुरु तेग बहादुर के नाम पर रखने की घोषणा भी की गई है। असंध के कॉलेज का नाम सरबंसदानी गुरु गोबिन्द सिंह के छोटे बेटे बाबा फतेह सिंह के नाम पर रखने का निर्णय लेकर सिख इतिहास के प्रति सम्मान को और मजबूत किया है। यमुनानगर में बनने वाले मेडिकल कॉलेज का नाम ‘हिंद की चादर’ गुरु तेग बहादुर सिंह जी के नाम पर रखा गया है, जबकि लखनौर साहिब में माता गुजरी के नाम से वीएलडीए कॉलेज स्थापित किया गया है। 27 अक्तूबर को लौहगढ़, यमुनानगर में बाबा बंदा सिंह बहादुर स्मारक का शिलान्यास किया गया है।

