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रोजकामेव की पूर्व कार्यवाहक सरपंच व मौजूदा पंच 2.39 करोड़ के गबन मामले में निलंबित

डीसी ने एफआईआर दर्ज कराने के दिए आदेश जिले की ग्राम पंचायत रोजकामेव की पूर्व कार्यवाहक सरपंच और मौजूदा पंच नाहिदा को 2 करोड़ 39 लाख रुपये से अधिक की वित्तीय अनियमितताओं और गबन के आरोप में तत्काल प्रभाव...
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डीसी ने एफआईआर दर्ज कराने के दिए आदेश

जिले की ग्राम पंचायत रोजकामेव की पूर्व कार्यवाहक सरपंच और मौजूदा पंच नाहिदा को 2 करोड़ 39 लाख रुपये से अधिक की वित्तीय अनियमितताओं और गबन के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उपायुक्त अखिल पिलानी ने यह कार्रवाई हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा के तहत की है।

साथ ही इंडरी ब्लॉक के बीडीपीओ को पूर्व सरपंच के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिये हैं। डीसी कार्यालय से जारी आदेश के अनुसार नाहिदा पर आरोप है कि उन्होंने 19 फरवरी 2024 से अपने कार्यकाल के दौरान ग्राम पंचायत के फंड से 2 करोड़ 39 लाख 66 हजार 658 रुपये का दुरुपयोग किया।

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इनमें स्ट्रीट लाइट, हाई मास्ट लाइट और सोलर लाइट की खरीद शामिल है, जिनकी लागत करीब 60 लाख रुपये बताई गई। उदाहरणस्वरूप, 50 वॉट की एलईडी स्ट्रीट लाइट 4,956 रुपये प्रति यूनिट खरीदी गई, जबकि बाजार में हेवल्स जैसी कंपनियों की समान लाइट 1,249 रुपये में उपलब्ध है।

पंचायत फंड के दुरुपयोग का खुलासा

जांच में यह भी सामने आया कि नाहिदा ने पंचायत फंड से लगभग 35 लाख रुपये गैर-पंचायती भूमि और अन्य सरकारी विभागों की जमीन पर रास्ते व नाले बनवाने में खर्च किए, जिससे कुछ निजी व्यक्तियों को लाभ हुआ। नायब तहसीलदार इंडरी की रिपोर्ट में 9 कार्यों को गैर-पंचायती भूमि पर पाया गया, जबकि कार्यकारी अभियंता पंचायती राज नूंह की रिपोर्ट में 35 कार्यों में अनियमितताएं सामने आईं और 17 लाख रुपये की रिकवरी की सिफारिश की गई।

आदेश में ग्राम सचिव नफे सिंह को भी दोषी ठहराया गया है। जांच में यह भी पाया गया कि नाहिदा ने पंचायत रिकॉर्ड नवनिर्वाचित सरपंच को नहीं सौंपा, जिससे रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की आशंका बनी हुई है। पंचायत फंड से बने वेलकम बोर्डों पर नाहिदा के पति और भाई की तस्वीरें लगाने का मामला भी सामने आया है।

अतिरिक्त उपायुक्त को लगाया जांच प्रभारी

उपायुक्त ने अतिरिक्त उपायुक्त नूंह को इस मामले की नियमित जांच का प्रभारी नियुक्त किया है। शिकायत ग्राम पंचायत के पंच जुबेर और साहिद द्वारा की गई थी, जिसकी जांच बीडीपीओ इंडरी ने की। अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई पंचायत व्यवस्था में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। नाहिदा और नफे सिंह ने 16 अक्तूबर को अपना पक्ष रखा, लेकिन इसे असंतोषजनक पाया गया।

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