हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के आह्वान पर रोडवेज कर्मचारियों ने बस स्टैंड पर भूख हड़ताल की और सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई। यूनियन के प्रधान जयपाल राठी ने हड़ताली कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भाजपा सरकार कर्मचारी विरोधी है, सरकार ने लाकडाउन के समय किलोमीटर स्कीम की बसों के मालिकों को तो 50 करोड राशि का भुगतान किया है, इसके विपरीत सरकार ने रोडवेज के कर्मचारियों के भत्तों में कटौती की। धुलाई भत्ता में कटौती की, 18 महीने के डीए के भुगतान व 10 साल के बकाया बोनस के भुगतान पर कोई ध्यान नहीं दिया। उससे प्रतीत होता है मौजूदा सरकार केवल पूंजीपतियों के हित के बारे में सोचती है रोडवेज के कर्मचारियों व यात्रियों से संबंधित समस्याओं का समाधान करने में कोई रुचि नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों यमुनानगर के कपालमोचन मेले के दौरान बसों की कमी के कारण 6 बच्चों की मौत हुई हैं, जिसकी जिम्मेदार सरकार है। यूनियन रोडवेज में बसों का बेड़ा 18 हजार करने की मांग लगातार उठाती रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 के चालकों को पक्का करना, वर्कशाप में भर्ती क ग्रुप के कर्मचारियों को कामन कैडर से बाहर करके पदोन्नति देना, सभी कैटेगरियों के वेतन विसंगतियों को दूर करना, रिक्त पदों को भरना समेत कई अन्य मांगें हैं, जिन्हें पूरा किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द से जल्द यूनियन के साथ बातचीत करके कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करे, अन्यथा रोडवेज के कर्मचारी 22 फरवरी को परिवहन मंत्री के आवास का घेराव करेगें।
भूख हड़ताल के दौरान कर्मचारियों को सर्व कर्मचारी संघ जिला सचिव बलवीर बालगुहेर, राज्य कमेटी के नेता राज्य प्रधान नरेन्द्र दिनोद, उपमहासचिव पवन शर्मा, उपप्रधान जयकुंवार दहिया, नूंह डिपो के सचिव जयसिंह चौहान ने कर्मचारियों को सरकार की गलत नीतियों के बारे में अवगत करवाया।

